आडवाणी की जगह अमित शाह को टिकट दिए जाने पर बोली शिवसेना- 'हर चमकते सूरज को ढलना है'
मुंबई। आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी की जारी पहली लिस्ट में वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की जगह पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह को गांधीनगर से टिकट दिया गया है। लालकृष्ण आडवाणी को टिकट नहीं दिए जाने पर बीजेपी की सहयोगी शिवसेना ने प्रतिक्रिया दी है। पार्टी के मुखपत्र 'सामना' में छपे संपादकीय में शिवसेना ने कहा कि लालकृष्ण आडवाणी अगर चुनाव नहीं भी लड़ेंगे तो भी वो भाजपा के "सबसे बड़े नेता" बने रहेंगे। आडवाणी की तारीफ करते हुए शिवसेना ने सामना में लिखा, "उन्होंने बीजेपी के पदचिह्न का विस्तार पूरे देश में किया। हर चमकते सूरज को ढलना पड़ता है। 1990 के दशक में अयोध्या में आडवाणी की 'रथ यात्रा' की वजह से बीजेपी शीर्ष पर पहुंच सकी थी।"
चुनाव नहीं लड़ेंगे फिर भी आडवाणी भाजपा के 'सबसे बड़े नेता': शिवसेना
'सामना' में छपे एक संपादकीय में शिवसेना ने कहा, "आडवाणी के स्थान पर चुनाव लड़ रहे अमित शाह को राजनीतिक रूप से भारतीय राजनीति के 'भीष्मचर्य' के रूप में अनुवादित किया जा रहा, साथ ही उन्हें सेवानिवृत्त के लिए मजबूर भी किया जा रहा है।" संपादकीय में कहा, "लालकृष्ण आडवाणी को भारतीय राजनीति के 'भीष्मचर्य' के रूप में जाना जाता है, लेकिन उनका नाम लोकसभा चुनावों के लिए भाजपा के उम्मीदवारों की सूची में नहीं है, जो आश्चर्य की बात नहीं है।"
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'आडवाणी को सेवानिवृत्त के लिए किया जा रहा मजबूर'
शिवसेना ने आगे कहा कि बीजेपी का आडवाणी युग समाप्त हो गया है। लालकृष्ण आडवाणी गुजरात के गांधीनगर लोकसभा सीट से छह बार सांसद चुने गए हैं। अमित शाह उनकी सीट से चुनाव लड़ेंगे। संपादकीय में आगे कहा गया, "इसका सीधा मतलब है कि आडवाणी को सेवानिवृत्त होने के लिए मजबूर किया गया है।" बीजेपी में एक पीढ़ीगत बदलाव को तय करते हुए, पार्टी ने हाल ही में अमित शाह की उम्मीदवारी का ऐलान किया, जो गांधीनगर से अपना पहला संसदीय चुनाव लड़ेंगे। आडवाणी की तारीफ करते हुए शिवसेना ने सामना में लिखा, "उन्होंने बीजेपी के पदचिह्न का विस्तार पूरे देश में किया। हर चमकते सूरज को ढलना पड़ता है। 1990 के दशक में अयोध्या में आडवाणी की 'रथ यात्रा' की वजह से बीजेपी शीर्ष पर पहुंच सकी थी।" बता दें कि पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी 91 वर्ष के हो गए हैं। आडवाणी केंद्रीय गृह मंत्री और उप-प्रधानमंत्री रह चुके हैं।
कांग्रेस पर शिवसेना ने किया पलटवार
शिवसेना ने आडवाणी को लेकर कांग्रेस के उस बयान पर भी पलटवार किया, जिसमें कहा गया कि उनसे गांधीनगर सीट छीन ली गई है। सामना में पार्टी ने कहा, "कांग्रेस पार्टी को बड़ों के अपमान की बात नहीं करनी चाहिए। तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव, जिन्होंने कठिन समय में कांग्रेस की सरकारों को आगे बढ़ाया, उनकी मृत्यु के बाद भी पार्टी की ओर से उनका अपमान किया गया।"
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