हुकुम सिंह की तारीफ और मृगांका को बहन बताकर नाराज गुर्जरों को मना पाएंगे मोदी?
कैराना सीट से मृगांका सिंह का टिकट कटने के बाद उनके समर्थकों में नाराजगी की खबरें आईं थी।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जोर-शोर से जुटे हुए हैं। शुक्रवार को पीएम मोदी ने पश्चिमी यूपी के सहारनपुर में चुनावी रैली की। पहले चरण के मतदान के तहत यूपी की जिन आठ लोकसभा सीटों पर चुनाव होना है, उनमें सहारनपुर भी शामिल है। रैली में पीएम मोदी ने ना केवल सहारनपुर को साधने की कोशिश की, बल्कि पड़ोस की कैराना सीट पर पूर्व सांसद हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह का टिकट कटने से नाराज उनके समर्थकों और गुर्जर समुदाय की नाराजगी को दूर करने का भी प्रयास किया। दरअसल कैराना सीट से भाजपा ने मृगांका सिंह का टिकट काटकर गंगोह के विधायक प्रदीप चौधरी को उम्मीदवार बनाया है।
मंच पर पहली कतार में मृगांका सिंह
सहारनपुर रैली में पीएम मोदी ने कांग्रेस और सपा-बसपा-आरएलडी के महागठबंधन को निशाने पर लिया। इस दौरान पीएम मोदी ने मृगांका सिंह का टिकट कटने से नाराज हुए उनके समर्थकों और गुर्जर समुदाय की नाराजगी दूर करने की भी कोशिश की। रैली में मृगांका सिंह और गुर्जर समुदाय के नेताओं को मंच पर पहली कतार में बैठने के लिए स्थान दिया गया। पीएम मोदी ने खुद मंच से हुकुम सिंह के राजनीतिक जीवन की तारीफ करते उन्हें एक महान नेता बताया। इसके अलावा पीएम मोदी ने मृगांका सिंह को अपनी छोटी बहन बताते हुए संबोधित किया। इस बार उनकी जगह कैराना की गंगोह सीट से भाजपा विधायक प्रदीप चौधरी को टिकट दिया गया है।
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टिकट कटने से समर्थकों में नाराजगी
कैराना सीट से मृगांका सिंह का टिकट कटने के बाद उनके समर्थकों में नाराजगी थी। पिछले दिनों मृगांका सिंह के समर्थकों ने कैराना में एक महापंचायत बुलाई और उनसे निर्दलीय चुनाव लड़ने की बात कही। महापंचायत में आए लोगों ने मृगांका सिंह के टिकट काटे जाने को भाजपा का षडयंत्र करार दिया और कहा कि पार्टी के नेतृत्व से बातचीत के बाद अंतिम फैसला लिया जाएगा। शुक्रवार को सहारनपुर की रैली में पीएम मोदी ने मृगांका सिंह के समर्थकों की नाराजगी को दूर करने का प्रयास किया। कैराना में पहले चरण के तहत ही मतदान है। 2018 में हुकुम सिंह के निधन के बाद कैराना लोकसभा सीट पर उपचुनाव कराया गया था। मृगांका सिंह कैराना लोकसभा सीट पर 2018 के उपचुनाव में आरएलडी प्रत्याशी तबस्सुम हसन से हार गईं थी।
क्या है कैराना का सियासी गणित
आपको बता दें कि कैराना की राजनीति पिछले लंबे समय से हुकुम सिंह और मुनव्वर हसन परिवार के इर्द-गिर्द ही रही है। मृगांका सिंह के पिता बाबू हुकुम सिंह ने 2014 के लोकसभा चुनाव में सपा प्रत्याशी और तबस्सुम हसन के बेटे नाहिद हसन को रिकॉर्ड वोटों से हराया था। हुकुम सिंह से हारने के बाद नाहिद हसन 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा के टिकट पर कैराना विधानसभा से चुनाव लड़े और भाजपा प्रत्याशी मृगांका सिंह को हराकर विधायक बने। तबस्सुम हसन से पहले उनके पति मुनव्वर हसन इस सीट से सांसद थे। कैराना लोकसभा में करीब 17 लाख वोट हैं। इनमें 5 लाख मुस्लिम, 4 लाख ओबीसी (जाट, गुर्जर, सैनी, कश्यप, प्रजापति व अन्य) और लगभग 1.5 लाख जाटव वोट हैं। इस बार तबस्सुम हसन महागठबंधन के तहत सपा के टिकट पर कैराना से चुनाव मैदान में हैं। कांग्रेस ने यहां हरेंद्र मलिक को टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा है।
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