मोदी के खिलाफ 119 किसानों में से केवल एक रहेगा मैदान में, जानिए वो है कौन?
पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से एक बड़ी खबर सामने आई है।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में लोकसभा चुनाव को लेकर लगातार सियासी उठापटक का माहौल देखने को मिल रहा है। समाजवादी पार्टी की ओर से उम्मीदवार बनाए गए बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव का नामांकन रद्द होने के बाद अब शालिनी यादव फिर से सपा की प्रत्याशी बन गई हैं। वहीं, चुनाव आयोग ने गुरुवार को तेलंगाना के उन 25 में से 24 किसानों के नामांकन भी रद्द कर दिए, जिन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी लोकसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन किया था। वाराणसी में पीएम मोदी के खिलाफ कुल 119 किसानों ने नामांकन किया था, जिनमें से 89 किसानों के नामांकन पहले ही खारिज किए जा चुके हैं। अब पीएम मोदी के सामने केवल एक ही किसान चुनाव मैदान में रह गया है।
कौन हैं ये किसान?
The News Minute की खबर के मुताबिक, गुरुवार को तेलंगाना के 25 हल्दी किसानों में से 24 किसानों के नामांकन रद्द कर दिए गए। इन सभी किसानों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने चुनाव लड़ने के लिए निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन दाखिल किया था। अब केवल एक किसान ही पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव मैदान में है। इस किसान का नाम है इस्तारी सुन्नम सैया। इस्तारी सुन्नम सैया तेलंगाना के निजामाबाद के रहने वाले हैं और एक हल्दी किसान हैं। वाराणसी में कुल 119 किसानों ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन दाखिल किया था। इनमें से 100 हल्दी किसान थे, जिनमें से 50 तेलंगाना और 50 तमिलनाडु से थे।
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TRS के खिलाफ लड़े थे 117 किसान
आपको बता दें कि इससे पहले तेलंगाना की निजामाबाद लोकसभा सीट पर सत्ताधारी दल तेलंगाना राष्ट्र समिति के सामने विरोध स्वरूप 177 किसानों ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा था। इन किसानों ने राज्य सरकार पर हल्दी और लाल ज्वार की फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य ना तय करने का आरोप लगाया था। इन किसानों की मांग थी कि निजामाबाद में एक हल्दी बोर्ड का गठन किया जाए। निजामाबाद सीट पर 11 अप्रैल को मतदान हुआ था और इतनी बड़ी संख्या में उम्मीदवारों के होने के कारण चुनाव आयोग की हर बूथ पर अतिरिक्त ईवीएम की व्यवस्था करनी पड़ी थी। इस सीट पर चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग को 26 हजार बैलेट यूनिट, 2200 कंट्रोल यूनिट और करीब 26 हजार वीवीपैट का इस्तेमाल करना पड़ा था। वहीं, सुरक्षा के लिए भी अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया था।
शालिनी यादव फिर से सपा कैंडिडेट
इससे पहले बुधवार को चुनाव आयोग ने सपा की ओर से घोषित किए गए प्रत्याशी तेज बहादुर यादव का नामांकन रद्द कर दिया। समाजवादी पार्टी ने पहले शालिनी यादव को अपना उम्मीदवार बनाया था, लेकिन बाद में तेज बहादुर यादव को टिकट देने का ऐलान कर दिया। तेज बहादुर यादव ने सपा के सिंबल पर नामांकन दाखिल किया, जिसे चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया। अब वाराणसी में शालिनी यादव ही सपा की उम्मीदवार हैं। गुरुवार को तेज बहादुर यादव ने शालिनी यादव से मुलाकात की और कहा कि वो नरेंद्र मोदी को हराने के लिए पूरी ताकत के साथ चुनाव प्रचार करेंगे। वहीं, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस मामले को लेकर पीएम मोदी पर हमला बोला। अखिलेश ने ट्वीट कर कहा, 'प्रधान जी सच्चा राज धर्म निभाने वाले सच्चे चौकीदार से हार की आशंका से डर गए हैं क्या? कोई कानून अपदस्थ जवान को चुनाव लड़ने से नहीं रोकता है। पूरे देश में बुद्धिजीवी से लेकर श्रमजीवी तक लोकतंत्र की हत्या का ये षडयंत्र देख रहे हैं और इन ताकतों के पतन के लिए वोट कर रहे हैं।
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