यूपी में अखिलेश-मायावती के महागठबंधन को मिला एक और दल का साथ
सपा-बसपा के बीच बने महागठबंधन को एक और राजनीतिक दल ने समर्थन करने का ऐलान किया है।
नई दिल्ली। 2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश के सियासी समीकरण लगातार बदल रहे हैं। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, बसपा सुप्रीमो मायावती और आरएलडी प्रमुख अजीत सिंह के बीच बने महागठबंधन को अब एक और दल का समर्थन मिल गया है। इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) ने ऐलान किया है कि वो आगामी लोकसभा चुनाव में यूपी के अंदर समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के बीच बने महागठबंधन का समर्थन करेगी। आपको बता दें कि हाल ही में तीनों दलों के बीच लोकसभा चुनाव को लेकर सीटों के बंटवारे का ऐलान किया गया था, जिसमें बसपा को 38, सपा को 37 और आरएलडी को 3 सीटें दी गई हैं।
जो BJP-कांग्रेस को हराएगा, हम उसके साथ
इंडियन नेशनल लोकदल के राष्ट्रीय महासचिव और हरियाणा में नेता प्रतिपक्ष अभय चौटाला रविवार को एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने यूपी के मेरठ शहर में आए हुए थे। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, 'केंद्र की भाजपा सरकार ने चुनाव जीतने से पहले जो वादे जनता से किए, उनमें से किसी को पूरा नहीं किया। भाजपा सरकार ने 5 साल के कार्यकाल में केवल जनता को गुमराह करने का काम किया। कांग्रेस भी भाजपा से अलग नहीं है। कांग्रेस ने इनेलो परिवार को तोड़ने का काम किया है। इसलिए आगामी लोकसभा चुनाव में हम उन दलों के साथ खड़े होंगे, कांग्रेस और भाजपा दोनों को हराने की स्थिति में हैं। यूपी में सपा-बसपा ने महागठबंधन किया है और ये दोनों दल लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करेंगे।'
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अखिलेश ने बताया, कहां से लड़ेंगे चुनाव
गौरतलब है कि यूपी में 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए सपा-बसपा और आरएलडी के बीच महागठबंधन हुआ है। माना जा रहा है कि बहुत जल्द तीनों दल महागठबंधन के तहत अपनी-अपनी सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान भी कर देंगे। पिछले दिनों यूपी के मैनपुरी में पुलवामा हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के जवान रामवकील के घर उनके परिजनों को सांत्वना देने पहुंचे अखिलेश यादव ने कहा था कि मैनपुरी लोकसभा सीट से नेताजी (मुलायम सिंह यादव) ही चुनाव लड़ेंगे। अखिलेश ने कहा कि नेताजी का आशीर्वाद हमारे साथ है और 2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी पूरी तरह से तैयार है। खुद की सीट के बारे में भी खुलासा करते हुए अखिलेश ने कहा कि मैं अपना पहला चुनाव कन्नौज से लड़ा था और इस बार भी वहीं से लड़ूंगा।
मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में भी गठबंधन
गौर करने वाली बात यह है कि 2019 के लिए तय की गई सूची में बसपा ने ऐसी आठ सीटें समाजवादी पार्टी के लिए छोड़ी हैं, जिनपर 2014 के लोकसभा चुनाव में वह दूसरे नंबर पर रही थी, जबकि सपा ने इसी तरह की 13 सीटें बसपा को दी हैं। दरअसल दोनों दलों ने अपने हिस्से में उन सीटों को रखा है, जहां जातीय समीकरण कहीं ना कहीं उनके पक्ष में हैं। वहीं, महागठबंधन में ना केवल मायावती को ज्यादा सीटें दी गई हैं, बल्कि सीटों के बंटवारे में भी उनकी पसंद को ही ऊपर रखा गया है। अमेठी और रायबरेली को कांग्रेस के लिए छोड़ा गया है। समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के बीच यूपी के अलावा मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में भी गठबंधन किया गया है।
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