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बिहार:पहले चरण के चुनाव से पहले पिच रिपोर्ट, मुश्किल में महागठबंधन

By अशोक कुमार शर्मा
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पटना। बिहार में पॉलिटिकल मैच के लिए ग्रैंड एलायंस और एनडीए की टीमों का एलान हो चुका है। मैदान भी पहले से तय हैं। मैच की संभावनाओं पर एक्सपर्ट पिच रिपोर्ट देने लगे हैं। चार मुकाबलों की पिच रिपोर्ट महागठबंधन के लिए ठीक नहीं है। पश्चिम चम्पारण, पूर्वी चम्पारण, शिवहर और मधुबनी में ग्राउंड के हिसाब से महागठबंधन को बैटिंग में मुश्किल पेश आएगी। महागठबंधन के समर्थक इस बात से नाराज हैं कि बेहतर विकल्प रहने के बाद भी दमदार बल्लेबाज को मैदान में नहीं उतारा गया। मैंच फिक्सिंग के भी आरोप लग रहे हैं और कहा जा रहा है कि टीम हारने के लिए मैच खेल रही है।

मधुबनी

मधुबनी

इस सीट पर महागठबंधन की तरफ से विकासशील इंसान पार्टी के बद्री प्रसाद पूर्वे मैदान में हैं। ये इनका डेब्यू मैच है। बद्री पूर्वे को कोई खास तजुर्बा हासिल नहीं है। उनकी काबिलियत सिर्फ इतनी है कि पूर्व विधायक कामेश्वर पूर्वे के भतीजा हैं। वे पेश से इंजीनियर रहे हैं फिर भी मधुबनी के फाइटिंग मैच में उन्हें बल्ला थमा दिया गया। मधुबनी में ग्रैंड एलाएंस के पास शकील अहमद और अली अशरफ फातिमी के रूप में बेहतर प्लेयर थे। लेकिन टीम सेलेक्टरों की खींचतान ने सब गुड़गोबर कर दिया। पूर्वे की लचर बल्लेबाजी का खामियाजा टीम को भुगतना पड़ सकता है। सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि अपने कहे जाने वाले कुछ लोग उनकी हूटिंग की तैयारी में हैं। दूसरी तरफ एनडीए के अशोक यादव मैदान में हैं। अशोक यादव, दिग्गज हुकुमदेव नारायण यादव के पुत्र हैं। मौजूदा सांसद हुकुमदेव नारायण यादव ने बढ़ती उम्र का हवाला देकर बल्ला खूंटी पर टांग दिया है। अशोक यादव अब तक छह बार बिहार विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। तीन बार विधायक भी चुने गये हैं। अशोक यादव, बद्री पूर्वे से अधिक अनुभवी हैं। ऐसे में उनकी चुनौती को मजबूत माना जा रहा है। एनडीए एकजुट है तो महागठबंधन बिखरा हुआ है। मधुबनी में कांग्रेस और राजद का एक धड़ा पूर्वे के खिलाफ है। बिखरी हुई टीम कैसे मुकाबला जीतेगी?

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शिवहर

शिवहर

शिवहर में राजद ने एक पूर्व पत्रकार सैयद फैसल अली पर दांव लगाया है। फैसल अली अपनी राजनीति पारी की शुरुआत ही कर रहे हैं। वे भी बिना कोई फर्स्ट क्लास मैच खेले सीधे टेस्ट मैच के लिए मैदान में उतरे हैं। राजद जैसी मजबूत टीम के पास अबु दोजाना , रामा सिंह जैसे विकल्प थे लेकिन टीम प्रबंधन ने फैसल अली पर भरोसा किया। फैसल अली गया के रहने वाले हैं और शिवहर के लिए बाहरी हैं। पहले वे सऊदी अरब के अंग्रेजी अखबार- अरब न्यूज के संपादक थे। फिर वे सहारा इंडिया उर्दू के एडिटोरियल हेड रहे। उन्होंने अंग्रेजी से एमए और एमबीए की पढ़ाई की है। फैसल अली का मुकाबला भाजपा की रमा देवी से है। रमा देवी ने अब तक लंबी राजनीति पारी खेली है। वे तीन बार सांसद चुनी गयी हैं। एक बार विधायक रही हैं बिहार सरकार में मंत्री भी। शिवहर से वे लगातार दो बार चुनाव जीत चुकी हैं। उनके सामने पदार्पण मैच खेल रहे फैसल अली की चुनौती को गंभीर नहीं माना जा रहा है। फैसल एमवाई फारमूले पर निर्भर हैं। अगर तेज प्रताप के खेमे ने बॉलिंग कर दी तो फैसल को कुछ यॉर्कर झेलने पड़ सकते हैं।

पूर्वी चम्पारण और पश्चिमी चम्पारण

पूर्वी चम्पारण और पश्चिमी चम्पारण

पूर्वी चम्पारण में रालोसपा के आकाश कुमार सिंह अभी केवल 27 साल के हैं। सांसद अखिलेश सिंह का बेटा होने की वजह से उनको मैच के लिए कैप मिल गया। आकाश कुमार सिंह अरवल जिले के रहने वाले हैं और पूर्वी चम्पाराण में किस्मत आजमा रहे हैं। उनका मुकाबला सियासी खेल के धुरंधर राधामोहन सिंह से है। पूर्वी चम्पारण राधामोहन सिंह का होम ग्राउंड है। अब तक इस ग्राउंड पर उनका प्रदर्शन शानदार रहा है। राधामोहन सिंह अब तक पांच बार यहां से सांसद चुने जा चुके हैं। वे मौजूदा कृषि मंत्री भी हैं। मोतिहारी में इस बात की चर्चा है कि महागठबंधन ने एक कमजोर खिलाड़ी को मैदान में उतार कर राधामोहन सिंह को एक तरह से वाकओवर दे दिया है। रालोसपा ने इस मुकाबले में लोकल प्लेयर उतारने की मांग की थी। ऐसा नहीं होने पर नाराज समर्थक मैच फिक्सिंग का आरोप लगा रहे हैं। यानी टीम हारा हुई मैच खेलने मैदान में उतरी है। पश्चिम चम्पारण में भी लगभग यही कहानी है। यहां भी रालोसपा ने एक नये चेहरे डॉ. ब्रजेश कुमार कुशवाहा पर भरोसा किया है। लोकसभा का चुनाव लड़ना कोई हंसी खेल नहीं। केवल कुशवाहा के नाम पर इनको इतना बड़ा मौका मिला है। चुनाव में जाति का वोट बैंक ही सब कुछ नहीं है। खुद का मजबूत राजनीति आधार भी होना चाहिए। स्थानीय राजनीति में डॉ. ब्रजेश कोई बड़ा नाम नहीं हैं। उनका मुकाबला भाजपा के डॉ. संजय जायसवाल से है। वे पिछले दो बार से सांसद चुने जा रहे हैं। यहां महागठबंधन ठीक से चुनौती भी पेश नहीं कर पा रहा है।

पढ़ें, पश्चिमी चंपारण लोकसभा सीट का पूरा प्रोफाइल

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English summary
Lok Sabha Elections 2019: Bihar first four round election Pitch report may some trouble Mahagathbandhan
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