2019 में यूपी से 74 सीटें जीतने के लिए अमित शाह ने तैयार किया 'टी-20' फॉर्मूला
पार्टी के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह ने यूपी में 74 लोकसभा सीटें हासिल करने का लक्ष्य रखा है और 2019 के लिए एक 'टी-20' फॉर्मूला तैयार किया है।
नई दिल्ली। 2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर देश का सियासी पारा लगातार चढ़ता जा रहा है। यूपी में बनने वाले महागठबंधन की हलचल के बीच भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत पार्टी के दिग्गज नेताओं ने दो दिन पहले ही मेरठ में डेरा डाला और चुनावी संग्राम का शंखनाद किया। भाजपा कार्यसमिति की बैठक में मेरठ की धरती से साफ तौर पर ऐलान किया गया कि 2019 की सत्ता का एक्सप्रेस-वे यूपी से ही होकर जाएगा। पार्टी के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह ने यूपी में 74 लोकसभा सीटें हासिल करने का लक्ष्य रखा है और 2019 के लिए एक 'टी-20' फॉर्मूला तैयार किया है।
क्या है अमित शाह का टी-20 प्लान
लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर 11-12 अगस्त को मेरठ में भाजपा की यूपी कार्यसमिति की दो दिवसीय बैठक आयोजित की गई। इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक इस बैठक के समापन सत्र को पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने संबोधित किया और भाजपा नेताओं को जीत के लिए एक 'टी-20' फॉर्मूला दिया। शाह ने पार्टी के सांसदों और विधायकों को निर्देश देते हुए कहा कि वो अपने-अपने चुनाव क्षेत्रों के हर गांव में जाएं और कम से कम 20 घरों में जाकर बैठें। वहां चाए पिएं और मोदी सरकार की जनहितकारी नीतियों और कार्यों के बारे में बताएं।
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73 से ज्यादा सीटें जीतने का लक्ष्य
अमित शाह ने यूपी के सांसदों और विधायकों से बंद दरवाजे की बैठक के जरिए जमीनी स्तर पर मजबूत समर्थन तैयार करने की जरूरत पर जोर दिया। 2019 के लिए भाजपा के एक्शन-प्लान का ब्यौरा देते हुए शाह ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि वो सरकार की कमियों पर ध्यान ना देकर, उसकी उपलब्धियों पर फोकस करें और लोगों को इनके बारे में बताएं। अमित शाह ने बैठक के समापन सत्र में कार्यकर्ताओं को पूरी तरह आश्वस्त करते हुए कहा कि यूपी में विपक्ष का संभावित गठबंधन भाजपा को फिर से सत्ता में आने से नहीं रोक पाएगा और पार्टी इस बार प्रदेश में 73 से ज्यादा सीटें हासिल करेगी।
'हिंदू शरणार्थियों को घबराने की जरूरत नहीं'
हाल ही में उठे विवादों को लेकर पार्टी नेताओं को हिदायत देते हुए अमित शाह ने कहा कि लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए वो किसी भी मुद्दे पर विवादित बयान देने से बचें। शाह ने अपने भाषण में दलित और ओबीसी वोटरों को साधते हुए कहा कि अगर भाजपा फिर से सत्ता में आई तो वो जातिगत भेदभाव को दूर करने के लिए काम करेगी। असम में एनआरसी के मुद्दे को लेकर उठ रहे विवादों के बीच अमित शाह ने कहा कि हम बांग्लादेशी घुसपैठियों को किसी भी कीमत पर देश में रहने की इजाजत नहीं देंगे। शाह ने कहा कि सरकार हिंदू शरणार्थियों को पूरा सम्मान देगी और उन्हें किसी भी तरह से घबराने की जरूरत नहीं है।