मायावती को 80 में से 40 सीटें देने के सवाल पर क्या बोले अखिलेश?
लखनऊ। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी समीकरण बनने शुरू हो गए हैं। बात करें उत्तर प्रदेश की तो यहां बीजेपी से मुकाबले के लिए प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी एक साथ मैदान में उतरने की रणनीति बना चुके हैं। हालांकि सीटों को लेकर तालमेल कैसे बनेगा ये देखना दिलचस्प होगा। इस बीच ऐसी खबरें सामने आई हैं कि बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से 40 पर अपनी दावेदारी पेश की है। मायावती की ओर से की जा रही इस मांग पर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने बड़ा बयान दिया है।
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अखिलेश यादव बोले- समाजवादियों का दिल बहुत बड़ा है
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में सीट शेयरिंग को लेकर अभी बीएसपी अध्यक्ष मायावती से कोई बात नहीं हुई है। इस मामले में ठीक समय आने पर ही बातचीत होगी। अखिलेश यादव ने कहा कि किसे कितनी सीटें मिलेंगी इस पर फैसला बातचीत के जरिए किया जाएगा। हम उचित समय पर चर्चा करेंगे। हमने अभी तक कुछ भी फैसला नहीं किया है। हम समाजवादियों का दिल बहुत बड़ा है।
'सीट शेयरिंग को लेकर अभी बीएसपी अध्यक्ष से कोई बात नहीं हुई'
अखिलेश यादव ने कैराना और नूरपुर उपचुनाव में नतीजों के बाद एक इंटरव्यू के दौरान ये बातें कहीं। सपा मुखिया ने कहा कि सांप्रदायिक आग, जिसमें कैराना जला दिया गया था, वहां के लोगों ने बीजेपी के खिलाफ वोटिंग करते उस आग को बुझा दिया है। अखिलेश यादव ने इस दौरान बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी मध्य प्रदेश की सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इतना ही नहीं उन्होंने आगे कहा कि पार्टी छत्तीसगढ़ और झारखंड में भी चुनावी रणनीति को आगे बढ़ाने पर विचार कर रही है।
अखिलेश का ऐलान, मध्य प्रदेश की सभी सीटों पर पार्टी लड़ेगी चुनाव
मध्य प्रदेश में कांग्रेस और बीएसपी के बीच समझौते को लेकर जब अखिलेश यादव से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इस मामले में मुझे कोई सूचना नहीं है। अगर मध्य प्रदेश में वो गठबंधन करने पर विचार कर रहे हैं तो ये अच्छा है। उन्होंने कहा कि जहां तक एसपी का सवाल है, पार्टी ने मध्य प्रदेश में सभी 230 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है और तैयारी चल रही है। सपा मुखिया ने कहा कि पार्टी 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए तैयार है, संभावित उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया चल रही है।
2019 को लेकर क्या होगी रणनीति
बता दें कि पहले गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव और फिर कैराना और नूरपुर में हुए उपचुनाव में विपक्षी एकजुटता ने असर दिखाया। चारों उपचुनाव में बीजेपी को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। इन नतीजों के एक बात तो यह है कि अगर 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा समेत प्रदेश की दूसरी प्रमुख पार्टियां एक साथ चुनाव मैदान में उतरती हैं तो इससे बीजेपी को नुकसान हो सकता है।