लेह जाने वाले पर्यटकों की संख्या में 50 फीसदी तक आई कमी, ये हैं प्रमुख कारण
नई दिल्ली। इस साल लेह में पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट आई है। पर्यटन के लिहाज से लेह काफी अहम माना जाता है और पिछले साल यहां बाहर के करीब 50 हजार पर्यटक आए थे। लेकिन 2019 में अब तक लेह आने वाले पर्यटकों की संख्या में कमी देखने को मिली है। इसके पीछे कई कारण लोकसभा चुनाव, विमान सेवाओं का बाधित होना और लेह-मनाली रोड का देर से खोला जाना रहा है।
होटल उद्योग से जुड़े लोगों के अनुसार, लोकसभा चुनाव, फ्लाइट सेवाओं और लेह-मनाली मार्ग के देर से खुलने के कारण लेह आने वाले पर्यटकों की संख्या में 50 फीसदी तक कमी आई है। यहां ट्रेकर्स के अलावा विदेशी और घरेलू पर्यटकों के लिए 100 से अधिक होटल और गेस्ट हाउस हैं। होटल मालिक अमृत बादाम कहते हैं कि पिछले साल के मुकाबले इस साल लद्दाख आने वाले पर्यटकों की संख्या में 50 फीसदी तक कमी आई है।
होटलों में घटी बुकिंग
अमृत, जिनकी कंपनी पिछले तीन दशकों से लद्दाख में होटल और शराब का कारोबार चलाती है, उन्होंने लेह-मनाली रोड के देर से खोले जाने, कश्मीर में सुरक्षा कारणों, कम फ्लाइट्स के साथ-साथ कश्मीर में सुरक्षा कारणों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया। पिछले साल के मुकाबले, इस साल केवल 40 फीसदी तक ही होटलों में बुकिंग रही। उन्होंने कहा कि भारत-पाक के बीच बढ़े तनाव के कारण भी पर्यटकों की संख्या में कमी देखी गई है।
ये भी पढ़ें: अगले कुछ घंटों में यूपी के इन जिलों में हो सकती है तेज हवाओं के साथ बारिश
अमृत बताते हैं कि जून के पहले पखवाड़े में केवल 30 फीसदी और दूसरे में केवल 60 फीसदी बुकिंग रही जबकि पिछले साल 2018 में ये आकंड़ा 90 फीसदी तक था। मनाली-लेह हाईवे काफी देरी के बाद 10 जून को खोला गया था।
उन्होंने कहा कि इस इलाके में पर्यटक जेट एयरवेज के कारण अधिक आते थे, विमान कंपनी गर्मियों में बड़े पैमाने पर अपनी सेवाएं देती थी, लेकिन अब इसने अपना संचालन रोक दिया। पहाड़ों से घिरे लेह तक कश्मीर और मनाली के रास्ते जाया जा सकता है। 49,477 विदेशी पर्यटकों सहित कुल 3,27,366 पर्यटकों ने 2018 में लेह का दौरा किया, ये संख्या पिछले साल की तुलना में 50,000 से अधिक रही थी।