Lata Mangeshkar Bday Special:और जब स्वर कोकिला' लता मंगेशकर से प्रसंशक हुए आहत !
बेंगलुर। भारत रत्न से सम्मानित और भारत की सबसे लोकप्रिय और सम्मानित गायिका लता मंगेशकर का आज 90 वां जन्मदिन हैं। जिनकी आवाज़ ने छह दशकों से भी ज़्यादा संगीत की दुनिया को सुरों से नवाज़ा है। भारत की 'स्वर कोकिला' लता मंगेशकर ने 20 भाषाओं में 30,000 गाने गाये है। उनकी आवाज़ सुनकर कभी किसी की आँखों में आँसू आए, तो कभी सीमा पर खड़े जवानों को सहारा मिला। लता जी आज भी अकेली हैं, उन्होंने स्वयं को पूर्णत: संगीत को समर्पित कर रखा है। स्वर कोकिला जहां अपनी मीठी और मधुर आवाज से लोगों को मुग्ध कर देती हैं पर उन्हीं के एक बयान से पिछले दिनों उनके प्रसंशक आहत हुए। जिस कारण सुर साम्राज्ञी सोशल मीडिया पर खूब ट्रोल भी हुई। प्रसंशकों ने यह तक कह दिया कि लता जी "आपसे ये उम्मीद नहीं थी"। इसके अलावा पिछले दिनों कुछ और मुद्दों पर उनका दिया गया बयान खूब चर्चा में रहा।
दिग्गज सिंगर लता मंगेशकर सबसे ज्यादा ट्रोलर के लिए निशाने पर तब हुई जब सिंगिंग सेंसेशन रानू मंडल जो अपनी आवाज से करोड़ो भारतीयों का दिल जीत चुकी हैं उनको लेकर उन्होंने कमेंट किया था। लता मंगेशकर ने कहा था कि नकल कभी भी सफलता का टिकाऊ साधन नही है। हालांकि उन्होंने इस बात को रानू मंडल के अलावा दूसरे सिंगर्स के लिए भी कही थी लेकिन लता के बयान पर उनके प्रसंशकों ने अपनी ,खूब नाराजगी जाहिर की। लता मंगेशकर ने आगे कहा था, "लेकिन मेरा यह भी मानना है कि नकल से सफलता ज्यादा दिनों तक नहीं टिक सकती है. मेरे, किशोर दा, रफी साहब या मुकेश भइया या आशा भोंसले के गानों को गाकर गायक कम समय तक के लिए ही लोगों का ध्यान आकर्षित कर सकते हैं।"लता मंगेशकर के इस कमेंट पर उनको ट्रोलर्स का भी सामना करना पड़ा था।
बता दें पश्चिम बंगाल की रानू मंडल के पहले गाने 'तेरी मेरी कहानी.. ने रिलीज होते ही धमाल मचा दिया था । सोशल मीडिया सेंसेशन बनने से पहले रानू मंडल राणाघाट रेलवे स्टेशन पर गाना गाकर अपना गुजारा करती थीं। वहीं से ही उनका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें वह लता मंगेशकर का गाना 'एक प्यार का नगमा है' गा रही थीं। वीडियो वायरल होने के बाद रानू हिमेश रेशमिया ने उनका हाथ थामा और वह रेशमिया की फिल्म हैप्पी हार्डी और हीर में भी अपनी आवाज दे रही हैं। लता मंगेशकर का गाना अपनी आवाज में गाकर पॉपुलैरिटी हासिल करने वालीं रानू की सफलता से लोग बेहद खुश थे। वहीं रानू मंडल की लोकप्रियता को लेकर लता मंगेशकर ने जो बयान दिया था। सिंगर के बयान पर सोशल मीडिया यूजर्स अपनी नाराजगी जाहिर की।
लता
मंगेशकर
के
बयान
के
विरोध
में
एक
सोशल
मीडिया
यूजर
ने
लिखा,
मैं
लता
जी
की
बहुत
बड़ी
फैन
हूं,
लेकिन
उनके
एक
रिएक्शन
ने
जाहिर
कर
दिया
कि
बड़े
लोग
छोटे
लोगों
के
साथ
कैसा
बर्ताव
करते
हैं।
वहीं
एक
अन्य
यूजर
ने
लिखा,
एक
गरीब
महिला
अपना
पेट
पालने
के
लिए
रेलवे
स्टेशन
पर
गाना
गाती
थी।
रानू
मंडल
की
आवाज
ने
लोगों
का
ध्यान
खींचा
और
वह
सुपरस्टार
बन
गईं।
लता
जी
दयालु
हो
सकती
थीं
और
उनकी
मदद
के
साथ
सराहना
भी
कर
सकती
थी।
नकल
पर
दिया
बयान
इग्नोर
करने
लायक
है।
एक
यूजर
ने
लिखा
लता
जी
कभी
किसी
महिला
सिंगर
को
बॉलीवुड
में
सफल
नहीं
होने
देना
चाहतीं।
इस
उम्र
में
भी
अपनी
निगेटिव
छवि
को
बरकरार
रखना
चाहती
हैं।
रानू मंडल ने दिया था ये जवाब
रानू मंडल एक इंटरव्यू में कहा "लता जी की उम्र के हिसाब से मैं छोटी थी, हूं और आगे जाकर भी रहूंगी..बचपन से उनकी आवाज पसंद है। बता दें हाल ही में रानू मंडल का संगीतकार हिमेश रेशमिया के साथ 'तेरी मेरी कहानी...' गाना रिलीज हुआ है, इस गाने को फैन्स का काफी अच्छा रिस्पांस भी मिल रहा है। 'तेरी मेरी कहानी' के अलावा हिमेश रेशमिया के साथ दो और गाने गाए हैं, जिसमें 'आदत...' और 'आशिकी में तेरी...' शामिल है।
हिमेश ने दी थी ये प्रतिक्रिया
रानू मंडल का पहला गाना 'तेरी मेरी कहानी' की लॉन्चिंग के समय हिमेश रेशमिया ने लता मंगेशकर की प्रतिक्रिया पर भी सवाल पूछे गए, इस पर उन्होंने जवाब दिया कि सबसे पहले यह समझना होगा कि लता जी ने किस संदर्भ में यह प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि कलाकारों के लिए किसी अन्य से प्रेरणा लेनी जरूरी है। मुझे लगता है कि हमें देखना होगा कि लता जी ने किस मायने में यह बयान दिया है. मेरा मानना है कि जब आप किसी अन्य सिंगर की नकल करते हैं तो वह इतना अच्छा काम नहीं करता। लेकिन मैं यह भी मानता हूं कि दूसरों से प्रेरणा लेना काफी महत्वपूर्ण है। "हिमेश रेशमिया यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा, "कुमार सानू हमेशा कहते हैं कि वह किशोर कुमार से प्रेरित हैं। ऐसे ही हम लोग भी किसी दूसरे से प्रेरित होते हैं। "
वीर सावरकर के साथ अपने संबंधों का जिक्र कर विरोधियों को नसीहत दी
पिछले दिनों जब वीर सावरकर को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ था। तभी भारत रत्न और लेजेंडरी सिंगर लता मंगेशकर ने वीर सावरकर के साथ अपने संबंधों का जिक्र कर विरोधियों को नसीहत देने की कोशिश की थी। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, 'वीर सावरकर जी और हमारे परिवार के बहुत घनिष्ठ संबंध थे इसीलिए उन्होंने मेरे पिता जी की नाटक कंपनी के लिए नाटक संन्यस्त खड्ग लिखा था।' आपको बता दें कि पहले भी सावरकर को लेकर तरह-तरह की बातें और विरोध होने पर लता ने ट्वीट कर कहा था कि वे नहीं जानते कि वीर सावरकर कितने बड़े देशभक्त थे। इससे पहले 28 मई को सावरकर की जयंती पर भी लता ने ट्वीट किया था। उन्होंने लिखा था, 'आज वीर सावरकर जी की जयंती है। मैं उनके व्यक्तित्व को, उनकी देशभक्ति को प्रणाम करती हूं। आजकल कुछ लोग सावरकर जी के विरोध में बातें करते हैं पर वो लोग ये नहीं जानते कि सावरकर जी कितने बड़े देशभक्त और स्वाभिमानी थे।'
बता दें हाल के दिनों में सावरकर को लेकर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे कई बार बयान दे चुके हैं। जिससे महाराष्ट्र की राजनीति में उनकी चर्चारही। ठाकरे ने कहा है कि अगर हिंदुत्व के नायक विनायक दामोदर सावरकर उर्फ वीर सावरकर आजादी के समय प्रधानमंत्री बनते तो पाकिस्तान नहीं बनता। उन्होंने वीर सावरकर के लिए मरणोपरांत भारत रत्न की मांग भी की। इसी के बाद कांग्रेस पार्टी ने एक ट्वीट किया जिस पर मुंबई की एक अदालत ने वीर सावरकर को कथित रूप से 'राष्ट्रद्रोही' कहने के लिए कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और पार्टी के खिलाफ मानहानि की शिकायत की जांच के आदेश दिए। स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने भोइवाड़ा की अदालत में इस संबंध में एक शिकायत दाखिल की थी। शिकायत में राहुल गांधी, उनकी मां और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी को नामजद किया गया है। आरोप लगाया गया कि इन सभी ने विनायक दामोदर सावरकर के खिलाफ ट्विटर पर अपमानजनक टिप्पणी की । आरोप था कि ट्वीट में यह भी कहा गया कि सावरकर ने ब्रिटिश सरकार से उस समय दया की भीख मांगी थी जब वह अंडमान की सेलुलर जेल में बंद थे और वह ब्रिटिश राज के दास बनना चाहते थे। कांग्रेस के इसी विवादित ट्वीट के बाद दूसरे दिन लता मंगेशकर ने ट्वीट कर विरोधियों को नसीहत दी।
मैं जल्दी गुस्सा कर दिया करती थी
अपने जन्मदिन से पहले लता मंगेशकर ने मीडिया को दिए गए साक्षात्कार में करियर के शुरुआती दिनों के बारे में बात की । जिसमें उन्होंने खुद को कैसे बेहतर बनाती हैं, के प्रश्न के जवाब में कहा, 'मेरा सबसे बड़ा दोष मेरा उग्र स्वभाव था। बचपन में भी मुझे बहुत गुस्सा आता था। मैं जल्दी गुस्सा कर दिया करती थी। समय बदला और मैं बड़ी हुई। फिर एक ऐसा वक्त आया जब मैंने इस पर विजय पा ली। मुझे कभी-कभी आश्चर्य होता है कि मेरे भयंकर स्वभाव का अब क्या हो गया है।'
लता का जीवन उपलब्धियों से भरा पड़ा है। हालांकि सफलता की राह कभी आसान नहीं होती। लता जी को भी सुरों की महारानी बनने में कई मुसीबतों के दौर से गुजरना पड़ा। उन्होंने बचपन से ही बहुत संघर्ष किया। लता मंगेशकर का जन्म इंदौर के मराठी परिवार में पंडित दीनदयाल मंगेशकर के घर हुआ। इनके पिता रंगमंच के कलाकार और गायक थे। इसलिए संगीत इन्हें विरासत में मिला। लता मंगेशकर का पहला नाम 'हेमा' था, मगर जन्म के 5 साल बाद माता-पिता ने इनका नाम 'लता' रख दिया था।