मुझे खुली जेल में रखने से खड़ी होगी कानून-व्यवस्था की परेशानी: लालू यादव
नई दिल्ली। चारा घोटाला में सजा सुनाए जाने के बाद हजारीबाग की खुली जेल में रखे जाने को लेकर लालू प्रसाद यादव ने कहा है कि इससे कानून व्यवस्था की दिक्कत हो सकती है। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव ने बुधवार को कहा कि खुली जेल में बड़ी तादाद में लोग उनसे मिलने आएंगे, जिससे प्रशासन को दिक्कत होगी। लालू यादव को पशुपालन का अनुभव होने का जिक्र करते हुए सीबीआई जज ने उन्हें खुली जेल में रखने की बात कही थी।
जज ने कहा, खुली जेल में गौपालन करें
कोर्ट से सजा मिलने के बाद लालू यादव को रांची की बिरसा मुंडा जेल से हजारीबाग की खुली जेल में शिफ्ट किया जाएगा। लालू यादव को सजा सुनाए जाने के से पहले जज शिवपाल सिंह ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि आपके लिए ओपन जेल ही सही रहेगी क्योंकि आपको गाय पालने का अनुभव ही है।
6 जनवरी को सुनाई गई लालू यादव को सजा
चारा घोटाला मामले में 6 जनवरी को सीबीआइ की विशेष अदालत ने आरजेडी मुखिया लालू यादव को सजा सुनाई है। चारा घोटाला मामले में लालू को साढ़े तीन साल की सजा सुनाई गई है। कोर्ट ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए लालू को सजा सुनाई। कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव पर 5 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। इस मामले में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह ने फैसला सुनाया। ये मामला देवघर कोषागार से 84.54 लाख रुपए की अवैध निकासी से संबंधित है।
ये है लालू प्रसाद यादव पर मामला
जिस मामले में लालू यादव को सजा मिली है, वो 1994 से 1996 के बीच देवघर जिला कोषागार का है जहां से फर्जी तरीके से कोष निकाला गया था। 21 साल पुराने इस मामले में सीबीआई ने शुरु में 34 लोगों को आरोपी बनाया था। इसमें 11 की मौत ट्रायल के दौरान हो गई। दो आरोपी सरकारी गवाह बन गए और निर्णय के पूर्व ही अपना दोष स्वीकार कर लिया। सीबीआई ने इस मामले में देवघर कोषागार से फर्जी बिल बना कर राशि की निकासी करने का आरोप लगाया था। लालू पर आरोप था कि उन्हे इस मामले की पूरी जानकारी थी बावजूद इसके उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की।
चारा घोटाला: लालू यादव समेत सभी दोषियों को हजारीबाग की खुली जेल में रखा जाएगा