Air India Crash: 'टेबलटॉप' रनवे बना हादसे की वजह, जानें क्यों यहां रिस्की होती है लैंडिंग
नई दिल्ली: केरल के कोझिकोड में शुक्रवार रात एक भयानक विमान हादसा हुआ। जिसमें दर्जनभर से ज्यादा लोगों की मौत हो गई, जबकि 100 से ज्यादा लोग घायल हैं। वैसे तो ये हादसा भारी बारिश और रनवे पर फिसलन की वजह से हुआ, लेकिन एयरपोर्ट की भौगोलिक स्थित भी हादसे के पीछे एक बड़ी वजह मानी जा रही है। कोझिकोड एयरपोर्ट को लैंडिंग के लिहाज से काफी खतरनाक माना जाता है।
टेबलटॉप है एयरपोर्ट
दरअसल कोझिकोड एयरपोर्ट भौगोलिक रूप से 'टेबलटॉप' है। टेबलटॉप का मतलब एयरपोर्ट के चारों ओर खाई होना। टेबलटॉप पर रनवे खत्म होने के बाद ज्यादा जगह नहीं होती है, जबकि सामान्य एयरपोर्ट पर काफी जगह छोड़ी जाती है। ऐसे में अगर टेबलटॉप एयरपोर्ट पर रनवे मिस हुआ तो हादसा होना तय है। ऐसे एयरपोर्ट लैंडिंग के लिहाज से काफी रिस्की होते हैं। कर्नाटक के मंगलौर में भी इसी तरह का रनवे है, जहां पर पहले बड़ा हादसा हो चुका है।
कैसे हुआ हादसा?
DGCA के मुताबिक मानसून की वजह से केरल में भारी बारिश हो रही है। जिस वजह से कोझिकोड के रवने पर कहीं-कहीं पानी भरा था, साथ ही फिसलन भी थी। कैप्टन दीपक साठे ने पहली लैंडिंग मिस कर दी, इसके बाद उन्होंने दोबारा कोशिश की, लेकिन वो सफल नहीं रहे। फिसलन की वजह से ब्रेक सही से नहीं लगे और विमान रनवे के आगे खाई में गिर गया, जो करीब 30 फीट गहरी थी। इस दौरान विमान दो हिस्सों में बंट गया। जिसमें कई लोगों की मौत हुई। टेबलटॉप एयरपोर्ट पर लैंडिंग के लिए पायलट को अच्छा अनुभव होना जरूरी होता है।
पायलट को था काफी अनुभव
विमान के पायलट कैप्टन दीपक साठे थे, जो पहले भारतीय वायुसेना में विंग कमांडर थे। साठे एयर इंडिया के लिए एयरबस 310 भी उड़ा चुके थे। इसके बाद उन्हें एयर इंडिया एक्सप्रेस की जिम्मेदारी सौंपी गई। वे नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) के 58वें कोर्स से पासआउट हुए और जूलियट स्क्वाड्रन का हिस्सा बने। एनडीए में पास आउट होते समय उन्हें एनडीए प्रेसीडेंट गोल्ड मेडल से नवाजा गया था। साठे ने एयरफोर्स से रिटायर होने के बाद एयर इंडिया का हाथ थाम लिया। उन्हें काफी काबिल और जांबाज पायलट माना जाता था।
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