बिहार में भाजपा की हार और महागठबंधन की जीत के कारण
नई दिल्ली। बिहार को भारत के सभी चुनाव की तुलना में सबसे बड़ा चुनाव माना जाता है। इस बात को एक बार फिर से बिहार चुनाव ने यह साबित कर दिया है।
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बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की जीत और भाजपा गठबंधन की हार के कई कारण हैं। प्रख्यात सैफॉलगिस्ट डॉ संदीप शास्त्री ने वनइंडिया से बातचीत ने इन वजहों को उजागर किया।
नीतीश का मुख्यमंत्री पद का दावेदार होना
महागठबंधन के लिए सबसे बड़ा फायदा हुआ नीतीश का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित होना। ऐसे में लोगों को लालू के साथ गठबंधन के बावजूद नीतीश के भीतर लोगों का भरोसा बरकरार रहा।
जाति समीकरण ने निभायी भूमिका
बिहार में छोटी जाति के लोगों ने महागठबंधन पर अपना भरोसा जताया। लोगों सामाजिक मुद्दों पर महागठबंधन का साथ देते हुए अपना वोट दिया। जिस तरह से नीतीश कुमार ने बिहार में पिछलें सालों में विकास किया उसने लोगों का मोह नीतीश से भंग नहीं होने दिया।
सांप्रदायीकरण हुआ घातक साबित
वहीं अगर भाजपा गठबंधन की हार पर नजर डालें तो कई ऐसी वजहें हैं जिसके चलते बिहार में भाजपा गठबंधन की हार हुई है। हालाकि संदीप शास्त्री बिहार चुनाव को पीएम मोदी का रेफ्रेंडम नहीं मानते हैं। वह कहते हैं कि इस चुनाव का सांप्रदायिकरण होना ही भाजपा गठबंधन के लिए खतरनाक साबित हुआ।
सीटों के बंटवारे में हुई गड़बड़ी
वहीं भाजपा गठबंधन में सीटों का बंटवारा भी इस गठबंधन की हार की अहम वजह बना। भाजपा के अलावा अन्य पार्टियों ने अपेक्षा के अनुसार प्रदर्शन नहीं किया। देखा जाए तो अगर भाजपा अपने बूते पर ज्यादा सीटें लड़ती तो मुमकिन था कि वह अधिक सीटें जीत पाती। बहरहाल इन छोटी-छोटी पार्टियों के चलते वोटों का बंटवारा हुआ जिसका भुगतान भी भाजपा को करना पड़ा।