पांच प्वाइंट में जानें, कैसे की जा रही थी TRP में हेराफेरी?
नई दिल्ली। मुंबई काइम ब्रांच ने गुरुवार को टीआरपी में की जा रही हेराफेरी के एक रैकेट का खुलासा किया है। इस मामले में रिपब्लिक भारत समेत तीन चैनलों पर कार्रवाई की गई है। इन चैनलों पर 'फॉल्स टीआरपी रैकेट' के जरिए करोड़ों रुपये के राजस्व का मुनाफा कमाने के आऱोप लगे हैं। मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने दावा किया है कि, इन चैनलों ने पैसे देकर फर्जी तरीके से रेटिंग बढ़ावाई थी। इस पूरी खबर में एक शब्द बार-बार यूज हो रहा है वह है टीआरपी। आखिर क्या होती है टीआरपी? हम आपको बताते है इस घटना से जुड़े तकनीकी और अहम पहलू।
1- क्या होती है टीआरपी
टीआरपी का फुल फॉर्म होता है टेलीविजन रेटिंग पॉइंट। टेलीविजन रेटिंग पॉइंट्स किसी भी टेलीविज़न कार्यक्रम की लोकप्रियता और उसकी दर्शक संख्या का अनुमान लगाने का एक तरीका है। किसी तय समय पर किसी चैनल या टीवी शो को औसतन कितने लोग देख रहे हैं इस की गणना टीआरपी की सहायता से की जाती है। लगभग सभी चैनल की रेटिंग जानने के लिए बड़े शहरों में एक खास तरह का डिवाइस कुछ चुनिन्दा जगहों पर लगाई जाती है। इस डिवाइस को पीपलस मीटर कहते हैं। इसे बार्क नाम की संस्था कुछ जगहों पर लगाई जाती है। जिसे गुप्त रखा जाता है। इस मीटर के द्वारा एक-एक मिनट टीवी की जानकारी को मॉनीटरिंग टीम इंडियन टेलीविजन ऑडियंस मेजरमेंट तक पहुंचा दिया जाता है। जिसके विश्लेषण के बाद टीआरपी आती है।
कैसे नापी जाती है रेटिंग
मुंबई क्राइम ब्रांच ने फर्जी टीआरपी का खुलासा किया है। उनका कहना है कि, कुछ टीवी चैनल विज्ञापन पाने के लिए टीआरपी की रेटिंग में फर्जीवाड़ा कर रहे थे। बार्क टीआरीपी को आंकने का काम करती है। ये एजेंसी टीआरपी को आंकने के लिए देश के अलग-अलग शहरों में बैरोमीटर लगाती है। पूरे दश में 40 हजार बैरोमीटर लगाए गए हैं और लगभग दो हजार बैरोमीटर मुंबई में लगाए हैं।
कैसे हुआ फर्जीवाड़ा
बैरोमीटर इंस्टॉल करने का काम मुंबई में हंसा नाम की संस्था को दिया गया था। जांच के दौरान ये बात सामने आई है कि कुछ पुराने वर्कर जो हंसा के साथ काम कर रहे थे टेलीविजन चैनल से डाटा शेयर कर रहे थे। वो लोगों से कहते थे कि आप घर में हैं या नहीं है चैनल ऑन रखिए। ये लोग इसके लिए पैसे देते थे। पुलिस ने जांच में पाया है कि, ये लोग चैनल की तरफ से हर महीने पैसा हाउसहोल्ड्स को देते थे और उनसे कुछ विशेष चैनल्स को लगातार चलाने के लिए कहते ।
दो लोग गिरफ्तार
परमबीर सिंह ने कहा कि बीएआरसी ने जो अपनी एनालिटिकल रिपोर्ट सबमिट की है उसमें रिपब्लिक का नाम सामने आया है जिसके टीआरपी ट्रेंडस पर शक जाहिर किया गया था। इस मामले में एक व्यक्ति जो पकड़ा गया है उसके अकाउंट से हमने करीब बीस लाख रुपये सीज किए हैं और 8 लाख कैश उसके बैंक लॉकर से जब्त किया गया है। मुंबई पुलिस कमिश्नर ने कहा कि जांच में जिन तीन चैनलों का नाम सामने आया है उनमें रिपब्लिक टीवी, फक्त मराठी और बॉक्स सिनेमा शामिल हैं।
चैनल देखने के लिए दिए जा रहे थे पैसे
5-मुंबई पुलिस का दावा है कि, जिन हाउसहोल्ड्स को पैसे दिए गए थे उन कस्टमर्स ने भी पूछताछ में यह स्वीकार किया कि उनको कुछ विशेष चैनलों को देखने के लिए पैसा दिया गया था। मुंबई पुलिस के मुताबिक करीब 2000 घरों में ये खेल चल रहा था और हर घर को 400 से 500 रुपये के हिसाब से भुगतान किया जा रहा था। पुलिस कमिश्नर ने कहा कि हमें संदेह है कि अगर मुंबई में ऐसा हो रहा था तो यह देश के अन्य हिस्सों में भी हो सकता है।
TRP हेराफेरी में मुंबई पुलिस की बड़ी कार्रवाई, 3 चैनलों के खिलाफ जांच शुरू