'हर्ड इम्युनिटी' पाने की संभावना पर कैसे पानी फेर रहा कोरोना का डेल्टा वेरिएंट, जानें
कोरोना के डेल्टा वेरिएंट ने हर्ड इम्युनिटी पाने की संभावनाओं पर पानी फेर दिया है।
नई दिल्ली, 16 अगस्त। कुछ महीनों पहले वैज्ञानिकों के एक दल ने कहा था कि यदि कोरोना लंबे समय तक रहा तो वह मौसमी बीमारी की तरह हो जाएगा। वहीं, दुनिया भर के तमाम वैज्ञानिक हर्ड इम्युनिटी को कोरोना से बचने का सबसे कारगर उपाय बता रहे थे, लेकिन अब कोरोना से ठीक हुए लोग और टीका लगे हुए लोग भी जिस तरह से दोबारा कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं उससे हर्ड इम्युनिटी की संभावना कम होती जा रही हैं। कोरोना के डेल्टा वेरियंट ने हर्ड इम्युनिटी पाने की संभावनाओं को कम कर दिया है।
यह वेरिएंट वैक्सीन से भी बचकर निकल जाने में सक्षम है। अमेरिका और ब्रिटेन में यह वेरिएंट अपना तांडव दिखा रहा है। यह वायरस सबसे पहले भारत में मिला था, लेकिन अब यह दुनिया भर में फैल चुका है। यहां गौर करने वाली बात ये है कि ब्रिटेन और अमेरिका में जो लोग डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित हो रहे हैं उनमें से कई लोग ऐसे हैं जो पहले भी कोरोना से संक्रमित हो चुके थे या उन्हें कोरोना की वैक्सीन लग चुकी थी। अमेरिका और यूरोप के उन देशों में जहां 50-60 फीसदी आबादी को दोनों टीके लगाए जा चुके हैं, वहां भी कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है।
यह भी पढ़ें: केरल में कैसे कम होंगे कोरोना के मामले? केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने स्थिति का किया आकलन
कुछ दिनों पहले यूके के ऑक्सफोर्ड वैक्सीन ग्रुप के प्रमुख प्रोफेसर एंड्रयू पोलार्ड ने भी चेतावनी दी थी कि डेल्टा ने हर्ड इम्युनिटी की संभावना कम कर दी है। उन्होंने मंगलवार को ऑल-पार्टी पार्लियामेंट्री ग्रुप को बताया कि एक और भी खतरनाक वेरिएंट की संभावना है, इसलिए ऐसा कुछ भी नहीं है जो घातक वायरस को फैलने से पूरी तहर से रोक सके।
वहीं मिनेसोटा के रोचेस्टर में मेयो क्लिनिक में वैक्सीन रिसर्च ग्रुप के निदेशक ग्रेग पोलैंड ने कहा कि, 'क्या हम हर्ड इम्युनिटी प्राप्त करेंगे? नहीं, परिभाषा के अनुसार, बहुत कम संभावना है।' हर्ड इम्युनिटी के बिना यह वायरस किसी न किसी रूप में दशकों तक बना रह सकता है। यह वायरस दुनिया भर के सबसे शक्तिशाली देशों को भी अपनी रणनीति बदलने पर मजबूर कर सकता है।
क्या
होती
है
हर्ड
इम्युनिटी
अगर
कोई
बीमारी
किसी
समूह
के
बड़े
हिस्से
में
फैल
जाती
है
तो
इंसान
की
रोग
प्रतिरोधक
क्षमता
उस
बीमारी
से
लड़ने
में
संक्रमित
लोगों
की
मदद
करती
है।
जो
लोग
बीमारी
से
लड़कर
पूरी
तरह
ठीक
हो
जाते
हैं,
वो
उस
बीमारी
के
प्रति
प्रतिरक्षा
(इम्युनिटी)
प्राप्त
कर
लेते
हैं।
इम्युनिटी
का
मतलब
है
कि
अब
व्यक्ति
की
रोग
प्रतिरोधक
क्षमता
ने
वायरस
से
लड़ने
के
लिए
शरीर
में
एंटी-बॉडीज
तैयार
कर
ली।
लेकिन
डेल्टा
वेरिएंट
ने
हर्ड
इम्युनिटी
जैसी
स्थिति
पर
पानी
फेर
दिया
है,
क्योंकि
यह
पहले
संक्रमित
हो
चुके
या
वैक्सीन
लगे
हुए
लोगों
को
भी
संक्रमित
कर
रहा
है।