'नेहरू की मूर्खता' की कीमत चुका रहा भारत', कश्मीर के इतिहास पर भिड़े किरेन रिजिजू और जयराम रमेश
'नेहरू की मूर्खता' की कीमत चुका रहा भारत', कश्मीर के इतिहास पर भिड़े किरेन रिजिजू और जयराम रमेश
किरेन रिजिजू बनाम जयराम रमेश: केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता किरेन रिजिजू और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश के बीत कश्मीर के इतिहास को लेकर ट्विटर वॉर छिड़ गई है। दोनों नेताओं ने एक-दूसरे पर पलटवार किए हैं। कांग्रेस के जयराम रमेश पर कश्मीर के भारत में विलय के इतिहास पर तीखा हमला बोलते हुए किरेन रिजिजू ने कहा, 'नेहरू (जवाहर लाला नेहरू) की मूर्खता' की कीमत भारत चुका रहा है।'' उन्होंने कहा, कांग्रेस ने नेहरू की संदिग्ध भूमिका को छिपाने के लिए 'ऐतिहासिक' झूठ को अब तक बनाए रखा है। किरेन रिजिजू ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर जवाहरलाल नेहरू पर जमकर निशाना साधा।
' ये ऐतिहासिक झूठ है कि महाराजा हरि सिंह ने...'
किरेन रिजिजू ने कहा, ' ये ऐतिहासिक झूठ है कि महाराजा हरि सिंह ने भारत में कश्मीर के विलय के सवाल को टाल दिया था। कश्मीर विवाद में नेहरू की संदिग्ध भूमिका की रक्षा के लिए कांग्रेस का झूठ लंबे वक्त से चला आ रहा है। शेख अब्दुल्ला के साथ समझौते के बाद 1952 में लोकसभा में नेहरू ने कहा था, ''आजादी से एक महीने पहले महाराजा हरि सिंह ने भारत में कश्मीर के शामिल होने के लिए उनसे बात की थी।'' लेकिन नेहरू ने महाराजा हरि सिंह के इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था।''
शेख अब्दुल्ला के साथ समझौते के बाद 1952 में लोकसभा में नेहरू के भाषणों के स्क्रीनशॉट साझा करते हुए रिजिजू ने ट्वीट किया, "मैं जयराम रमेश के झूठ का भंडाफोड़ करने के लिए खुद नेहरू भाषणों को यहां दिखा रहा हूं।''
'भारत अभी भी "नेहरू की मूर्खता की कीमत" चुका रहा'
किरेन रिजिजू ने ट्वीट कर कहा, ''भारत में विलय के लिए हली बार महाराजा हरि सिंह ने नेहरू से संपर्क किया था। वो भी स्वतंत्रता से एक महीने पहले जुलाई 1947 में ही। लेकिन वो नेहरू थे जिन्होंने महाराजा की बात नहीं मानी।'' रिजिजू ने नेहरू के भाषण का हवाला देते हुए जयराम रमेश के हालिया तर्क का विरोध करते हुए कहा कि महाराजा हरि सिंह ने विलय पर ध्यान दिया था क्योंकि आजाद भारत का सपना उनका भी था।
किरेन रिजिजू ने लिखा, "महाराजा ने जुलाई 1947 में ही अन्य सभी रियासतों की तरह नेहरू से संपर्क किया था। लेकिन नेहरू ने उनकी नहीं सुनी। अन्य राज्यों को स्वीकार कर लिया गया था। कश्मीर को खारिज कर दिया गया था भारत अभी भी "नेहरू की मूर्खता की कीमत" चुका रहा है।''
पीएम मोदी के भाषण के बाद शुरू हुआ विवाद
सोमवार को गुजरात में एक रैली में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, हम सरदार पटेल के नक्शेकदम पर चलकर कश्मीर मुद्दे को हल कर सकते हैं। पीएम मोदी ने जवाहर लाल नेहरू का नाम लिए बिना उनपर निशाना साधते हुए कहा, सरदार वल्लभ भाई पटेल ने तत्कालीन रियासतों के विलय से संबंधित सभी मुद्दों को हल कर दिया था। लेकिन 'सिर्फ एक व्यक्ति' कश्मीर के मुद्दे को नहीं हल कर सका था। इसलिए हम अब सरदार पटेल के नक्शेकदम पर चलकर कश्मीर मुद्दे को हल कर सकते हैं।''
जयराम रमेश ने क्या कहा था? कैसे शुरू हुआ ट्विटर वॉर
पीएम मोदी के इस बयान के बाद बीजेपी-कांग्रेस आमने सामने आ गई। पीएम मोदी के भाषण पर पलटवार करते हुए जयराम रमेश ने कहा, ''प्रधानमंत्री मोदी असली इतिहास को मिटा रहे हैं।'' जयराम रमेश ने भाजपा पर वास्तविक इतिहास को 'मिटाने' का आरोप लगाया। जयराम रमेश ने कहा कि पीएम मोदी ने केवल 'जम्मू-कश्मीर पर नेहरू पर आरोप लगाने' के लिए 'तथ्यों' को अनदेखा कर दिया है। जयराम रमेश ने लिखा, "महाराजा हरि सिंह ने विलय पर रोक लगा दी थी। उनका खुद अपना अलग राज्य का सपना था। लेकिन जब पाकिस्तान ने आक्रमण किया, तो हरि सिंह भारत में शामिल हो गए। कश्मीर के पाकिस्तान में शामिल होने को लेकर सरदार पटेल 13 सितंबर 1947 तक सोच रहे थे कि अलग विलय होता तो हो जाए। लेकिन जब जूनागढ़ के नवाब पाकिस्तान में शामिल हो गए तो उन्होंने अपना मन बदल लिया। और तय किया कि जम्मू कश्मीर को भारत में ही रहना चाहिए।''
This 'historical lie', that Maharaja Hari Singh dithered on question of accession of Kashmir with India has gone on for far too long in order to protect the dubious role of J.L.Nehru. ⁰
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) October 12, 2022
Let me quote Nehru himself to bust the lie of @Jairam_Ramesh. 1/6⁰https://t.co/US4XUKAF8E