केरल सरकार ने जारी किए सख्त क्वारंटाइन आदेश, उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई
कोच्चि, सितंबर 03: देश में भले ही कोरोना के मामले कम हो गए हों लेकिन केरल की स्थिति एक बार फिर से बिगड़ गई है। केरल में हर रोज तीस हजार से अधिक नए कोरोना मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में केरल सरकार ने राज्य में सख्ती बढ़ा दी है। केरल सरकार ने क्वारंटाइन को लेकर नए दिशा निर्दश जारी किए हैं। इसके साथ ही सख्ती दिखाते हुए केरल सरकार एक्शन लेने की चेतावनी जारी की है।
केरल सरकार की ओर से शुक्रवार को जारी आदेश के मुताबिक, क्वारंटाइन के नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। आदेश में कहा गया है कि आपदा प्रबंधन अधिनियम, केरल राज्य महामारी अधिनियम और अन्य प्रासंगिक कानूनी प्रावधानों के प्रावधानों को लागू किया जाएगा। रेपिड रिस्पॉन्स टीमों, वार्ड-स्तरीय समितियों, पड़ोस समूहों और पुलिस, राजस्व, स्वास्थ्य और स्थानीय स्व-सरकारी विभागों के संबंधित अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि मानदंडों का सख्ती से पालन किया जाए।
बयान में कहा गया है कि, उपरोक्त एजेंसियां ऐसे क्वारंटाइन किए गए व्यक्तियों को आवश्यक वस्तुओं की होम डिलीवरी प्रदान करने में भी सहायता प्रदान करेंगी, यदि उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। सरकार ने कहा है कि आपदा प्रबंधन अधिनियम, केरल राज्य महामारी अधिनियम और अन्य प्रासंगिक कानूनी प्रावधानों के तहत संगरोध के मानदंडों का उल्लंघन करने वाले के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
केरल में पिछले 24 घंटों में 29,322 नए कोरोना संक्रमण के मामले आए हैं और 131 मौतें हुई हैं। इस समयावधि में 22,938 ठीक हुए हैं। इसके साथ ही राज्य में कुल कोरोना से मरने वालों की संख्या 21,280 हो गई। वहीं अब तक राज्य में कोरो से 38,83,186 ठीक होकर घर लौटे हैं। इस समय राज्य में कुल कोरोना के 2,46,437 मामले एक्टिव हैं। राज्य की कोरोना का पॉजिटिविटी 17.91% है। पिछले 24 घंटों के दौरान कुल 1,63,691 लोगों का कोविड टेस्ट हुआ है।
इससे पहले आज कोरोना के तेजी से बढ़ रहे मामलों के बीच सुप्रीम कोर्ट ने 6 सितंबर से केरल में शुरू होने वाली 11वीं की ऑफलाइन परीक्षा आयोजित करने के राज्य सरकार के फैसले पर रोक लगा दी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, देशभर में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों में से करीब 70 प्रतिशत केरल में हैं। शीर्ष अदालत ने कहा कि इस उम्र के बच्चों को जोखिम में नहीं डाला जा सकता है। राज्य सरकार ने इस साल सितंबर में होने वाली ऑफलाइन परीक्षा आयोजित करने के लिए मौजूदा हालात पर गंभीरता से विचार नहीं किया है।
Recommended Video
उत्तराखंड चुनाव 2022 को लेकर एबीपी-सीवोटर का सर्वे, जानिए किसकी बनेगी सरकार
शीर्ष अदालत ने मामले में अगली सुनवाई के लिए 13 सितंबर की तारीख तय की। इससे पहले, केरल उच्च न्यायालय ने कहा था कि परीक्षा आयोजित करना सरकार की नीति का विषय है और इसमें हस्तक्षेप वांछित नहीं है। शीर्ष अदालत ने वकील रसूलशान ए की अपील पर आदेश सुनाया जिन्होंने ऑफलाइन परीक्षाएं कराने के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार करने के उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी थी।