केरल में कोरोना मृतकों के शव को अंतिम संस्कार के लिए घर ले जाने की इजाजत
नई दिल्ली, 30 जून। केरल में कोरोना महामारी का संकट अभी भी बरकरार है, लेकिन इस बीच केरल की सरकार ने कोरोना से मरने वालों के शव को अंतिम संस्कार के लिए घर ले जाने की उनके परिजनों को इजाजत दे दी है। केरल सरार के फैसले के बाद अब परिजन शव के अंतिम संस्कार से जुड़े रीति-रिवाज को पूरा कर सकते हैं। इससे पहले कोविड प्रोटोकॉल के तहत कोरोना से मरने वालों के शव को घर ले जाने की परिजनों को इजाजत नहीं थी।
केरल में कोरोना संक्रमण की दर कम होने का नाम नहीं ले रही है। एक तरफ जब देश में संक्रमण के मामलों में गिरावट देखने को मिल रही है तो दूसरी तरफ केरल में हर रोज पांच अंकों में संक्रमण के नए मामले आ रहे हैं। देश में कोरोना संक्रमण के सक्रिय मामले 5.52 लाख हैं, जिसमे से अकेले 1 लाख केरल में हैं। केरल के मुख्यमंत्री पिनारयी विजयन ने समीक्षा बैठक के बाद बताया कि महामारी के दौरान सबसे बड़ा मसला था कि रिश्तेदार अपनो का चेहरा कोरोना से मृत्यु के बाद नहीं देख पाते थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार चाहती है कि कोरोना से मरने वालों के शव को उनके परिजन अंतिम श्रद्धांजलि दे सके और अपनी आस्था के अनुसार अंतिम संस्कार की रस्में पूरी कर सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रतिदिन औसत टीपीआर 10 फीसदी से ऊपर है। हम जल्द ही टीपीआर को 29.75 फीसदी से 10 फीसदी तक लाने में सफल हुए हैं, लेकिन अभी भी इसमे गिरावट की अपेक्षा है। हमारे लिए यह चिंता का विषय है कि टीपीआर 10 फीसदी से नीचे नहीं जा रहा है। पिछले हफ्ते के आंकड़े देखे तो सक्रिय मामलों की संख्या में गिरावट देखने को मिली है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना का डेल्टा वेरिएंट काफी ज्यादा तेजी से संक्रमण को फैला रहा है। पहली लहर की तुलना में कोरोना की दूसरी लहर ने प्रदेश में काफी तेजी से पैर फैलाए हैं, जिसकी वजह से स्वास्थ्य व्यवस्था को उस लिहाज से बेहतर नहीं किया जा सका। केरल में दूसरी लहर के दौरान कोरोना के मामलों में गिरावट में थोड़ा समय लगेगा। लिहाजा आगे लोगों को पाबंदियों में छूट देने का कोई आधार नहीं है।