कर्नाटक के कैबिनेट मंत्री उमेश कट्टी का हार्ट अटैक की वजह से निधन, सीएम बोम्मई के थे करीबी
बेंगलुरु, सितंबर 07। कर्नाटक सरकार में फूड, फॉरेस्ट एवं नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले के मंत्री उमेश कट्टी का निधन हो गया है। बताया जा रहा है कि 61 साल के उमेश कट्टी का निधन हार्ट अटैक की वजह से हुआ है। उमेश कट्टी को सीएम बसवराज बोम्मई का काफी करीबी माना जाता था। वो बोम्मई कैबिनेट के सबसे सीनियर मंत्री भी थे। कैबिनेट में और पार्टी में उनका हर कोई सम्मान करता था।
सीएम बोम्मई ने जताया दुख
उमेश कट्टी के निधन पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने भी शोक प्रकट किया है। सीएम ने ट्वीट कर कहा है, "मेरे करीबी सहयोगी और कर्नाटक के वन मंत्री उमेश कट्टी जी के आकस्मिक निधन से मुझे गहरा दुख पहुंचा है। आज कर्नाटक ने एक कुशल राजनयिक, सक्रिय नेता और वफादार लोक सेवक को खो दिया है।"
सीएम बनने की इच्छा रखते थे कट्टी
आपको बता दें कि उमेश कट्टी के परिवार में पत्नी शीला, बेटा निखिल और बेटी स्नेहा हैं। उमेश कट्टी नौ बार हुक्केरी विधानसभा क्षेत्र से विधान सभा के लिए चुने गए। वह मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई कैबिनेट में सबसे वरिष्ठ मंत्री थे और उन्होंने मुख्यमंत्री बनने की इच्छा भी व्यक्त की थी।
1985 में लड़ा था पहला चुनाव
हुक्केरी तालुक के बेलादबगेवाड़ी के मूल निवासी, कट्टी राज्य के विभाजन की अपनी मांग में मुखर थे, जिसमें छोटे राज्य विकास के मोर्चे पर अग्रणी थे। अपने पिता विश्वनाथ कट्टी के निधन के बाद 1985 के उपचुनाव में कट्टी पहली बार विधान सभा के लिए चुने गए थे। उनका पहला चुनाव जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में हुआ था। वह 1989 और 1994 में जनता दल के उम्मीदवार के रूप में और 1999 में जनता दल (यूनाइटेड) के उम्मीदवार के रूप में चुने गए। वे 2004 का चुनाव कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में हार गए।
इसके बाद उमेश कट्टी को 2008 में जनता दल (सेक्युलर) के उम्मीदवार के रूप में चुना गया था, लेकिन बाद में वह भाजपा में शामिल हो गए। वह 2008 के उप-चुनाव, 2013 के चुनाव और 2018 के चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार के रूप में चुने गए। उन्होंने हुक्केरी विधानसभा क्षेत्र से पांच अलग-अलग राजनीतिक दलों के उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की थी।
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