क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

कर्नाटक: 'चुनावी आशीर्वाद' लेने में बाजी मार ले गए राहुल गांधी, अमित शाह देखते रह गए

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को श्री श्री निरंजनानंद से मिलने का मौका मिल गया लेकिन बीजेपी चीफ अमित शाह उनसे नहीं मिल पाए। जब अमित शाह हवेरी जिले के कनक गुरुपीठ गए तब गुरुपीठ के मुख्य स्वामी श्री श्री निरंजनानंद पुरी वहां मौजूद ही नहीं थे।

By Vikashraj Tiwari
Google Oneindia News

नई दिल्ली। कर्नाटक विधानसभा चुनावों के लिए अब राजनीतिक पार्टियों ने कमर कस ली है। बीजेपी और कांग्रेस दोनों दलों के चीफ मठों का दौरा कर रहे हैं और मठों के पुजारियों से आशीर्वाद ले रहे हैं। राज्य में होने वाले चुनावों के मद्देनजर मंगलवार को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी दोनों ही दौरे पर थे। इस दौरान राहुल गांधी अपनी जनसभाओं के बाद हवेरी जिले के कनक गुरुपीठ गए वहां उन्होंने गुरुपीठ के मुख्य स्वामी श्री श्री निरंजनानंद पुरी से आशीर्वाद लिया। राहुल गांधी ने ट्विटर पर इस मुलाकात की फोटो भी शेयर की है, जिसमें मुख्य स्वामी श्री श्री निरंजनानंद और कर्नाटक के मुख्यमंत्री के. सिद्धारमैया भी नजर आ रहे हैं।

राहुल को मिला मठ के स्वामी का आशीर्वाद

राहुल को मिला मठ के स्वामी का आशीर्वाद

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को श्री श्री निरंजनानंद से मिलने का मौका मिल गया लेकिन बीजेपी चीफ अमित शाह उनसे नहीं मिल पाए। जब अमित शाह हवेरी जिले के कनक गुरुपीठ गए तब गुरुपीठ के मुख्य स्वामी श्री श्री निरंजनानंद पुरी वहां मौजूद ही नहीं थे। जिस वजह से अमित शाह मुख्य स्वामी से आशीर्वाद नहीं ले पाए। वहीं मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक राहुल गांधी का कार्यक्रम बहुत पहले से निर्धारित था, यही वजह रही कि अमित शाह के पहुंचने पर मुख्य स्वामी उपलब्ध नहीं हो पाए।

मंदिर और मठों में नेताओं की भीड़ लगी है

मंदिर और मठों में नेताओं की भीड़ लगी है

कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले यहां मंदिर और मठों में नेताओं की भीड़ लगी है। राज्य के 30 जिलों में 600 से ज्यादा मठ हैं। राज्य में लिंगायत समुदाय के 400 मठ, वोकालिगा समुदाय के 150 मठ और कुरबा समुदाय के 80 से ज्यादा मठ हैं। इन तीन समुदायों के राज्य में करीब 38% वोटर हैं और वे किसी भी पार्टी की सरकार बनवाने में अहम भूमिका निभाते हैं। इसीलिए चुनाव से पहले बीजेपी और कांग्रेस इन्हें साधने में लगी हैं। कनक गुरुपीठ पिछड़े समुदाय का सबसे असरदार मठ माना जाता है। यही वजह है कि यहां के मुख्य स्वामी से मुलाकात होने और न होने के भी बड़े राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। कर्नाटक की राजनीति में मठों का दबदबा 1983 से बढ़ा है। कर्नाटक में मठों का वर्चस्व 80 दशक में शुरू हुआ। जब मठों ने आधुनिक तौर-तरीकों को अपनाने के साथ सामाजिक और शैक्षणिक कार्य शुरू किए।

कर्नाटक में कब है चुनाव?

कर्नाटक में कब है चुनाव?

कर्नाटक की 224 सीटों के लिए 12 मई को वोटिंग होगी, जबकि 15 मई को नतीजे घोषित किए जाएंगे। इलेक्शन कमीशन ने बताया कि 17 से 24 अप्रैल तक नॉमिनेशन भरे जाएंगे। 27 अप्रैल तक नॉमिनेशन वापस लिया जा सकेगा।

कर्नाटक में पिछली बार क्या थे नतीजे?

कर्नाटक में पिछली बार क्या थे नतीजे?

कर्नाटक में 2013 में विधानसभा चुनाव हुए थे और कांग्रेस ने पूर्ण बहुमत के साथ अपनी सरकार बनाई थी। 2013 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने यहां की 224 सीटों में से 122 सीटें जीती थी, जबकि बीजेपी ने 40 और एचडी देवगौडा की जनता दल (सेक्यूलर) ने भी 40 सीटों पर कब्जा किया था। विधानसभा चुनावों में बीजेपी भले ही कुछ खास न कर पाई हो, लेकिन 2014 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने यहां की 28 सीटों में से 17 सीटें जीती थीं, जबकि कांग्रेस के खाते में सिर्फ 9 सीटें ही गई थी।

2019 से पहले शिवसेना को साथ लेने की तैयारी में भाजपा, भेजा ये बड़ा ऑफर2019 से पहले शिवसेना को साथ लेने की तैयारी में भाजपा, भेजा ये बड़ा ऑफर

Comments
English summary
Karnataka election:Congress President Rahul Gandhi met with Swamy Sri Sri Sri Niranjanananda Puri, amit shah got failure to get bless
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X