कर्नाटक सीएम ने 2ए आरक्षण का वादा पूरा नहीं किया,लिंगायत संत जया मृत्युंजय ने समर्थकों संग किया प्रदर्शन
र्नाटक राज्य में लिगांयत की पंचमसालाी जाति 2ए श्रेणी में शामिल करने की मांग करती आई है।वहीं शुक्रवार को पंचमसाली लिंगायत संत जया मृत्युंजय स्वामीजी ने अपने समर्थकों के साथ हावरी में प्रदर्शन किया।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में आरक्षण का मुद्दा गरमाता नजर आ रहा है। शुक्रवार को पंचमसाली लिंगायत संत जया मृत्युंजय स्वामीजी ने अपने समर्थकों के साथ हावरी में सीएम बसवराज बोम्मई के घर के सामने विरोध-प्रदर्शन किया। संत ने लिंगायत समुदाय के लिए आरक्षण में "स्पष्टता की कमी" को लेकर ये विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज ने अपनी मां से वादा किया था और कसम खाई थी कि वो 29 दिसंबर को 2ए आरक्षण देंगे। उन्होंने कहा हमने सरकार से 2ए आरक्षण मांगा लेकिन उन्होंने 2डी दिया।
पंचमसाली लिंगायत संत जया मृत्युंजय स्वामीजी ने कहा मां को शपथ दिलाकर सीएम ने की गलती इसलिए हम एक दिन के लिए सीएम आवास के सामने सत्याग्रह कर रहे हैं।
बता दें कर्नाटक राज्य में लिगांयत की पंचमसालाी जाति 2ए श्रेणी में शामिल करने की मांग करती आई है। सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक आधार पर राज्य में पिछड़ा वर्ग की चार श्रेणियां है जिसमें 2ए, 2बी, 2डी है। 2ए सबसे पिछड़ा, 2बी मध्यम और 2डी उसे थोड़ा बेहतर स्तर है। इसके आधार पर लिंगायत समुदाय के लोगों को नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण मिलता है। कर्नाटक के दो प्रमुख समुदाय वोक्कालिगा और पंचमसाली 3ए और 3बी में है और वो लंबे समय से 2ए आरक्षण की मांग कर रहे है।
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कर्नाटक सरकार ने 2 सी और 2 डी की दो नई श्रेणियां बनाई हैं। प्रदेश सरकार की रिपोर्ट के अनुसार पिछड़ा वर्ग आयोग की सिफारिशों के आधार पर 3ए और 3 बी हटाने का निर्णय लिया है। इस रिपोर्ट के खिलाफ एक जनहति याचिका भी दर्ज करा दी है। बेलगावी ने पिछले दिनों हुए विधानसभा सत्र में लिंगायत और वोक्कालिगा को इसमें शामिल करने के लिए दो दो नई श्रेणियां जिसमें 2सी और 2डी बनाने की घोषणा की थी। हालांकि कर्नाटक हाई कोर्ट ने कर्नाटक सरकार द्वारा पिछड़ा वर्ग को दिए गए आरक्षण पर रोक लगाा है दी है। और पिछड़ा वर्ग का आरक्षण यथा स्थिति बनाए रखने को आदेश दिया है। जिसके बाद पंचमसाली लिंगायत और वोक्कालिगा समुदाय का आरक्षण बढ़ाने पर रोक लगा दी है।