कंगना रनौत ने जावेद अख्तर मानहानि केस में सभी कार्यवाही को रद्द करने के लिए कोर्ट का किया रुख
नई दिल्ली, 21 जुलाई। कंगना रनौत ने जावेद अख्तर मानहानि मामले में मजिस्ट्रेट कोर्ट में अपने खिलाफ सभी कार्यवाही को खारिज करने की मांग की है। अभिनेत्री ने अब बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया है।
कंगना रनौत ने बॉम्बे हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर अपने खिलाफ "अंधेरी में 10 वीं मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत द्वारा शुरू की गई पूरी कार्यवाही को रद्द करने" की मांग की है। यह गीतकार जावेद द्वारा भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत शुरू की गई उसी शिकायत के खिलाफ है।
कंगना का कहना है कि मामले की शुरुआत मजिस्ट्रेट द्वारा ज्युडिसियल माइंड के किसी भी आवेदन के बिना की जाती है, क्योंकि वह सीआरपीसी की धारा 202 (2) के साथ पठित धारा 200 के अनुसार शपथ पर शिकायत में नामित गवाहों की जांच करने में विफल रहे हैं; और इसके बजाय उसी गवाह-बयान पर भरोसा करने की मांग की है जो पुलिस द्वारा हस्ताक्षर के तहत एकत्र किए गए थे जो सीआरपीसी की धारा 162 के प्रावधानों का उल्लंघन है।
कंगना के वकील रिजवान सिद्दीकी ने मजिस्ट्रेट कोर्ट के सामने इस मुद्दे को उठाया था और बाद में डिंडोशी सत्र अदालत में एक याचिका दायर की थी। हालांकि इस साल अप्रैल में सेशन कोर्ट ने कंगना की याचिका खारिज कर दी थी। इसी वजह से अब कंगना ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
कंगना रनौत ने विस्तार से बताया कि गवाह आसानी से पुलिस से प्रभावित हो सकते हैं और इस कारण से, अदालत में शपथ के तहत भौतिक गवाहों के साक्ष्य की रिकॉर्डिंग यह स्थापित करने के लिए महत्वपूर्ण थी कि शिकायतकर्ता जावेद अख्तर द्वारा कोई प्रत्यक्ष या वास्तविक मामला बनाया गया है या नहीं। कंगना ने प्रस्तुत किया कि यदि इस तरह की प्रथा की अनुमति दी जाती है, तो यह अन्य मजिस्ट्रेटों के लिए एक गलत मिसाल कायम करेगा, क्योंकि यह कई मामलों में अभियुक्तों के अधिकारों और स्वतंत्रता को भी प्रभावित करता है।