क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर ने युद्ध की भयावहता को किया बयां

By Ankur
Google Oneindia News

नई दिल्ली। एक तरफ जहां भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव का माहौल है और एलओसी पर लगातार फायरिंग की खबरें आ रही हैं तो इस बीच सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर ने युद्ध की भयावहता को लोगों के सामने रखा।

ts thakur

सर्जिकल स्ट्राइक: ट्रक में लोड कर ले जाए गए शव, चश्मदीदों ने बताया

बचपन के दिन को किया याद

टीएस ठाकुर ने बताया कि 1965 में जब पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध चल रहा था तो वह युवा थे तो जम्मू में रहते थे, उस वक्त कर्नल रूप सिंह पाकिस्तान के के मारे गए सैनिकों को लेकर आते थे। वह हमें उस जगह ले गए जहां उनके शवों को रखा गया था।

पाक को करारा झटका, UNSC के एजेंडे में नहीं कश्मीर मुद्दा

जब पहली बार देखा लाशों का जखीरा
यह पहला वाकया था जब मैंने युद्ध का कब्रस्तान देखा था, लाशों को सतह पर ही दफना दिया गया था, उनपर मिट्टी की सिर्फ एक परत थी। उस वक्त लोगों के पास इतना भी समय नहीं था कि गहरी कब्रें खोदी जा सके, मैंने देखा था कि कुत्ते कब्र में दफन उन पैरों को नोंच रहे थे जो सेना के जूतों में थे।

बड़े ड्रग रैकेट में वायुसेना अधिकारी धराया, साइंटिस्ट के पास मिला 230 करोड़ का ड्रग

जस्टिस ठाकुर 17वें लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय अवार्ड के कार्यक्रम के मौके पर बोल रहे थे। इस दौरान पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, एलके आडवाणी, शिवराज पाटिल, नटवर सिंह मौजूद थे।

यूके की पहली ट्रांसजेंडर टीवी एंकर ने अपना नाम इंडिया' रखा

लोग डरकर घर छोड़ रहे थे
जस्टिस ठाकुर ने कहा कि कई लोग जो इस वक्त यहा दर्शक दीर्घा में बैठे हैं उन्होंने कभी युद्ध नहीं देखा है। यह बहुत ही भयावह और दिल दहला देने वाला होता है। इस वक्त कई अफवाहें हैं कि पाकिस्तान के पैराट्रूपर भारत आ रहे हैं और भारतीयों को मार रहे हैं।

संदूक ठीक करने वालों का धंधा अच्छा चल रहा था

शहर उजड़ रहे हैं क्योंकि लोग शहर छोड़कर जा रहे हैं। इस वक्त दो ही बिजनेस अच्छे चल रहे हैं पहला संदूकों को ठीक कराने का काम जिससे कि लोग अपने कीमती सामान बंद करके रखे जा सके दूसरा मुर्गीपालन केंद्र, ताकि जब लोग वापस आए तो उन्हें खाने को अच्छा मिले।

सिगरेट जलाने पर भी लोग नाराज हो जाते थे

यहां लोग सिगरेट जलाने व लैंप जलाने पर भी आपत्ति दर्ज करते थे क्योंकि उन्हें लगता था कि उपर से उन्हें निशाना बनाया जा सकता है। लोगों के भीतर भय था और वह दुश्मनों के निशाने पर आने से बचाने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे थे।

Comments
English summary
Justice TS Thakur recalls the horror of war in an event. He says the war condition are very tough and many of you have not witness it.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X