जस्टिस चेलमेश्वर का सुनवाई से इनकार, बोले- नहीं चाहता मेरा फैसला 24 घंटे में पलट जाए
नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट के दूसरे सबसे सीनियर जज जस्टी चेलमेश्वर ने गुरुवार को केस आवंटन संबंधी दिशा-निर्देश बनाने और केस को सूचीबद्ध करने की मांग करने वाली यचिका की सुनवाई करने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट में ये याचिका पूर्व कानून मंत्री शांति भूषण ने दायर की थी। इस याचिका की सुनवाई से इनकार किया तो वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण अदालत पहुंचे और इस मामले का जिक्र किया।
प्रशांत भूषण ने इस मामले का जिक्र न्यायामूर्ति चेलमेश्वर के सामने किया तो उन्होंने कहा कि यह आपात स्थिति है। न्यायमूर्ति चेलमेश्वर ने कहा कि वो इस मामले में की सुनवाई नहीं करना चाहते हैं।
जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा- "मैं नहीं नहीं चाहता है कि मेरा कोई फैसला 24 घंटों में बदल दिया जाए। मैं कुछ दिनों में रिटायर होने जा रहा हूं और मैं मामलों की आवंटन पर आपकी जनहित याचिका सुन नहीं सकता। "
चेलेमेश्वर ने 9 नवंबर, 2017 में दिए गए अपने एक आदेश का जिक्र करते हुए कहा कि एक जज पर ट्रस्ट से रिश्वत लेने के आरोप लगे थे, जिसके लिए पीठ का गठन किया गया और अगले दिन मुख्य न्यायधीश दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली पीठ ने उनके आदेश को उलट दिया।
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बता दें, कुछ महीने पहले सुप्रीम कोर्ट के 4 वरिष्ठ जजों जस्टिस जे चेलामेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस कूरियन जोसेफ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा पर महत्वपूर्ण मामलों को जूनियर जजों को सौंपने का आरोप लगाया था।
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साथ ही मीडिया को भी एक पत्र सौंपा था, जिसमें कई बातें कही गई थी। प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए जस्टिस चेलामेश्वर ने कहा था कि पिछले 2 महीने से सुप्रीम कोर्ट का प्रशासन ठीक से नहीं चल रहा है। जस्टिस चेलामेश्वर ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के कामकाज पर ही सवाल उठाए थे।
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