Jharkhand Assembly Polls: महाराष्ट्र के बाद अब झारखंड में सियासी ड्रामा, LJP ने अकेले चुनाव लड़ने किया ऐलान
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रांची। महाराष्ट्र के बाद अब झारखंड में भी सियासी नाटक शुरु हो गया है, यहां भी सीटों को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और सहयोगी पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के बीच सहमति नहीं बन पाई है और इसलिए अब लोजपा ने राज्य में अकेले विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। एलजेपी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा कि झारखंड में चुनाव लड़ने का आख़िरी फ़ैसला प्रदेश इकाई को लेना था और उसने यह फैसला लिया है कि वो 50 सीटों पर अकेले ही चुनाव लड़ेगी।
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झारखंड में अकेले चुनाव लड़ेगी LJP
पासवान ने स्पष्ट किया कि लोजपा इस बार टोकन के रूप में दी जाने वाली सीटों को स्वीकार नहीं करेगी, हमने गठबंधन के तहत छह सीटों की मांग की थी पर इन सभी सीटों के बारे में रविवार को भाजपा द्वारा घोषणा की जा चुकी है इसलिए अब हमने अकेले लड़ने का फैसला किया है।
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झारखंड में पांच चरणों में मतदान
झारखंड की सभी 81 सीटों पर 30 नवंबर से 20 दिसंबर के बीच 5 चरणों में मतदान होगा। नतीजे 23 दिसंबर को आएंगे। पिछली बार भी राज्य में पांच चरण में मतदान हुआ था। 81 सदस्यीय विधानसभा का कार्यकाल 5 जनवरी 2020 को खत्म हो रहा है। राज्य में अभी भाजपा और आजसू (ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन) की गठबंधन सरकार है। बहुमत के लिए 41 का आंकड़ा जरूरी है। 2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 37 और आजसू को 5 सीटें मिली थीं। बाद में झारखंड विकास मोर्चा के 6 विधायक भाजपा में शामिल हो गए। अभी भाजपा के पास 43 विधायक हैं।
81 विधानसभा सीटों में से 67 नक्सल प्रभावित एरिया
राज्य के 24 जिलों में से 19 नक्सल प्रभावित हैं। इनमें से 13 अति नक्सल प्रभावित हैं यानी कि 81 विधानसभा सीटों में से 67 नक्सल प्रभावित एरिया हैं। शारीरिक रूप से अक्षम लोगों को पोस्टल बैलट की सुविधा दी जाएगी। आवश्यक सेवाओं और बुजुर्गों को भी पोस्टल बैलट की सुविधा मिलेगी। जब तक दिल्ली चुनाव आएंगे तब तक सभी आवश्यक सेवाओं के कर्मचारियों के लिए भी पोस्टल बैलट की सुविधा देंगे।
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