Jharkhand Assembly Election Result 2019: क्या आजसू से अलग होकर चुनाव लड़ना BJP की बड़ी गलती?
Jharkhand Assembly Election Result 2019:
नई दिल्ली। झारखंड विधानसभा चुनाव में नतीजे पूरी तरह से पलट गए। जहां शरुआती रुझान बीजेपी के पक्ष में आते दिख रहे ते वहीं 10 बजते-बजते पासा पूरी तरह पलट गया। जेएमएम-कांग्रेस गठबंधन बहुमत के आंकड़ों को पार कर गई तो वहीं बीजेपी लको झटका लगा। हालांकि, रुझानों में अब भी सीटों की संख्या में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहे हैं। सुबह 11 बजे तक के रुझानों के मुताबिक, जेएमएम-कांग्रेस गठबंधन बहुमत के आंकड़े के साथ 40 सीटों पर कायम रही तो वहीं बीजेपी खिसकरकर 29 सीटों पर पहुंच गई।
बीजेपी के हाथों से एक और प्रदेश खिसक गया। राजनीतिक जानकारों की माने तो बीजेपी की इस हार के पीछे की एक बड़ी वजह ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन (आजसू) के साथ नाता तोड़कर अलग चुनाव लड़ना था। चुनावी रुझानों में जो आंकड़े दिख रहे हैं उसे देखकर कहा जा रहा है कि अगर बीजेपी और आजसू मिलकर चुनाव लड़तीं तो आज झारखंड की सियासी तस्वीर दूसरी होती। बीजेपी-आजसू गठबंधन आसानी से बहुमत के आंकड़ों को छू सकती थी।
आजसू से गठबंधन तोड़कर लड़ना बड़ी गलती
शुरुआती रुझानों में बीजेपी 29 सीटों पर, जेएमएम गठबंधन 35 सीटों पर बढ़त मिलती दिख रही है। वहीं आजसू 4 सीटों पर आगे चल रही है। वहीं जेवीएम 3 और अन्य दल 3 सीटों पर आगे चल रहे हैं। ऐसे में अगर बीजेपी और आजसू मिलकर चुनाव लड़ती को झारखंड की सियासी तस्वीर कुछ और होती। आपको बता दें कि चुनाव में बीजेपी ने 79 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे, जबकि आजसू ने 58 सीटों पर उम्मीदवार उतारेष मतलब 81 विधानसभा सीटों में से 58 सीटों पर बीजेपी-आजसू प्रत्याशी आमने-सामने थे। यानि इन सीटों पर बीजेपी और आजसू के वोटों का बंटवारा हुआ और इसका फायदा जेएमएम गठबंधन को मिला। मतलब साफ है कि अगर दोनों पार्टियां एक साथ मिलकर झारखंड विधानसभा का चुनाव लड़ती तो 58 सीटों पर चुनावी तस्वीर अलग होती और दोनों दलों के वोट एकमुश्त मिलते।
गौरतलब है कि झारखंड विधानसभा चुनाव में सीट शेयरिंग फॉर्मूले को लेकर बीजेपी-आजसू के बीच सहमति नहीं बन पाई, जिसके बाद दोनों पार्टियां अलग-अलग होकर मैदान में उतरी और इसका नुकसान बीजेपी को होता दिख रहा है।
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