Jammu Kashmir: कश्मीरी पंडितों के लिए बने अपार्टमेंट्स में गैर-कानूनी कब्जा, सरकार ने नोटिस भेजकर खाली करने को कहा
जम्मू। जम्मू कश्मीर सरकार की तरफ से ऐसे 100 लोगों को सो-कॉज नोटिस जारी किया गया है जो कश्मीरी पंडितों के लिए बने अपार्टमेंट्स में गैर-कानूनी तरीके से रह रहे हैं। शुक्रवार को यह नोटिस जारी किया गया है और एक सीनियर ऑफिसर की तरफ से इस बात की पुष्टि की गई है। अधिकारी की तरफ से बताया गया है कि ये अपार्टमेंट्स जम्मू के पड़ोस में हैं। इंग्लिश डेली हिन्दुस्तान टाइम्स की ओर से इस बाबत रिपोर्ट जारी की गई है।
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93 फ्लैट्स पर अवैध कब्जा
सूत्रों की ओर से बताया गया है कि सरकार इन अपार्टमेंट्स में सिर्फ कश्मीरी पंडितों शरणार्थियों को बसाया जाएगा। इन फ्लैट्स का निर्माण सरकार की तरफ से ही किया गया था।रिलीफ कश्मीर टीके भट्ट की ओर से बताया गया, 'हमने एक नोटिस उस समय जारी जब हमें यह पता लगा कि 93 फ्लैट्स पर नियमों का उल्लंघन करके कब्जा कर लिया गया था। यह अभी शुरुआत है और हम कानून के तहत ही काम करने की कोशिश कर रहे हैं।' उन्होंने यह भी बताया कि ये फ्लैट्स पिछले कई समय से बंद पड़े हैं। भट्ट ने जानकारी दी कि 300 से ज्यादा एप्लीकेशंस रिलीफ एंड रिहैबिलिटेशन कमिश्नर के पास अटकी पड़ी हैं। इन सभी एप्लीकेशंस में रजिस्टर्ड कश्मीरी शरणार्थी परिवारों को फ्लैट आवंटित करने का अनुरोध किया गया है। उन्होंने आगे जानकारी दी कि राहत संगठन के अधिकारियों की तरफ से एक गहन प्रक्रिया को किया गया। इसके तहत ही इस बात के बारे में जानकारी मिली कि कश्मीरी शरणार्थियों की कॉलोनियों में 93 फ्लैट्स और मुथी, नगरोटा, पुरखू और जगती में मिनी टाउनशिप को गैर-कानूनी तरीके से उन लोगों ने अधिग्रहीत कर लिया है जिन्हें ये फ्लैट्स आवंटित ही नहीं किए गए थे।
सरकार ने पूछा क्यों न वापस लिए जाएं फ्लैट्स
जो नोटिस जारी किया गया है कि उसमें उन लोगों से लिखित में जवाब मांग गया है। उनसे जवाब में उचित वजहों को बताने के लिए कहा गया है जिनके तहत उन्हें बताना होगा कि उन्हें जो फ्लैट्स मिले हैं, उनका आवंटन क्यों न कैंसिल किया जाए और क्यों उनसे फ्लैट वापस लिया जाएगा। 80 के दशक के अंत और 90 की शुरुआत में अलगवावादी हिंसा के बाद घाटी में बसे कश्मीरी पंडितों को यहां से जाना पड़ा था। नगरोटा स्थित जगती टेनमेंट कमेटी के अध्यक्ष शादी लाल पंडित कहते हैं कि सिर्फ उन कश्मीरी पंडितों को बसाया जाएगा जिनके परिवारों को आतंकवाद की वजह से कश्मीर छोड़कर जाना पड़ा था।