आर्टिकल 370 हटने के बाद बुलाई गई पीडीपी की पहली बैठक प्रशासन ने रोकी, नेताओं को किया नजरबंद
नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म होने के बाद गुरुवार को पीडीपी की बैठक बुलाई गई थी। पार्टी मुखिया महबूबा मुफ्ती पहले से ही हिरासत में हैं, वहीं पार्टी के दूसरे अहम नेताओं को भी प्रशासन ने घरों में ही नजरबंद कर दिया और बाहर नहीं निकलने दिया। जिसके बाद पीडीपी ने अपनी बैठक को रद्द कर दिया। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) जम्मू कश्मीर की अहम पार्टी है।

पीडीपी की बैठक आज श्रीनगर में होनी थी। पार्टी की ओर से बताया गया कि प्रमुख नेताओं को बैठक में शामिल होने के लिए घरों से निकलने की इजाजत ही नहीं दी गई। इन नेताओं में जीएनएल हंजुरा, अब्दुल रहमान वीरी, नईम अख्तर, सरताज, खुर्शीद आलम, ऐजाज मीर, वहीद रहमान पारा और मोहम्मद यूसुफ भट शामिल हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता नईम अख्तर ने अपने टाइम लाइन पर वीडियो भी शेयर की है जिसमें उनकी सुरक्षा में तैनात पुलिस जवान उन्हें घर से बाहर जाने से रोक रहे हैं। वीडियों में पुलिसकर्मी उनसे कह रहा है कि आपको बाहर जाने की अनुमति नहीं है। नईम अख्तर ने अपने ट्विटर पर लिखा, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने उनको आजाद बताया है लेकिन सच ये है कि पीडीपी के ज्यादातर नेता गैरकानूनी तरीके से नजरबंद किए गए हैं।
बता दें कि केंद्र सरकार ने बीते साल 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त कर दिया था। राज्य के ज्यादातर नेता गिरफ्तार कर लिए गए थे। अभी तक भी कई नेता हिरासत में हैं। जिसमें पीडीपी मुखिया महबूबा मुफ्ती भी हैं। कई नेता सरकार के दावे के उलट नजरबंदी में रखे जाने की बात भी कह रहे हैं। 22 अगस्त को कश्मीर की छह पार्टियों ने बीते साल पांच अगस्त 2019 को संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त करने के फैसले को असंवैधानिक करार देते हुए फिर से इसकी बहाली के लिए मिलकर संघर्ष करने का ऐलान करते हुए इस संबंध में एक घोषणापत्र भी जारी किया है।
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