क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

क्या देश में कोरोना वैक्सीन की चौथी खुराक जरूरी है ? WHO की पूर्व चीफ-साइंटिस्ट ने ये बताया

भारत में जनवरी में एक और कोरोना लहर आने की आशंका के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन की पूर्व चीफ साइंटिस्ट ने बड़ी बात कही है। उनके मुताबिक अगर वैक्सीन की तीन डोज लगी है तो वह भी आमतौर पर काफी कारगर है।

Google Oneindia News

is-the-fourth-dose-of-covid-19-vaccine-necessary-ex-who-chief-scientist-soumya-swaminathan-told

चीन में कोरोना से हाहाकार के बाद भारत में भी आने वाले 40 दिन महत्वपूर्ण बताए जा रहे हैं। आशंका जताई गई है कि जनवरी में कोरोना की चौथी लहर देखने को मिल सकती है। ऐसे में सवाल है कि भारत में क्या कोविड वैक्सीन की चौथी डोज की आवश्यकता हो गई है? इसके बारे में और दुनिया भर में कोरोना की वजह से अभी पैदा हो रहे हालातों पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की पूर्व चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामिनाथन ने कई महत्वपूर्ण बातें बताई हैं। उन्होंने चौथी डोज के बारे में बहुत ही अहम जानकारी दी है।

Recommended Video

Coronavirus India Update: जानें कौन-कौन लोग नहीं ले सकेंगे Nasal Vaccine | वनइंडिया हिंदी *News

'तीसरी खुराक भी अच्छी इम्यूनिटी बूस्टर'

'तीसरी खुराक भी अच्छी इम्यूनिटी बूस्टर'

कोविड-19 के ट्रजेक्टरी का अनुमान लगाना बहुत ही मुश्लिक है, लेकिन धीरे-धीरे यह महामारी एंडेमिक इंफेक्शन में तब्दील हो जाएगी; और जबतक यह होता है, तब तक इसे रोकने में वैक्सीन बहुत ही कारगर उपाय है। यह कहना है विश्व स्वास्थ्य संगठन की पूर्व चीफ-साइंटिस्ट डॉक्टर सौम्या स्वामीनाथन का। उनका कहना है कि, 'वैक्सीन तक पहुंच के मामले में विश्व में अभी भी बहुत ही असमानता है और इसपर ध्यान देने की जरूरत है। अभी तक ऑरिजनल वैक्सीन की तीसरी खुराक भी अच्छी इम्यूनिटी बूस्टर का काम कर रही है और उन सभी देशों में इस्तेमाल की जानी चाहिए, जहां बाइवेलंट वैक्सीन उपलब्ध नहीं हैं।'

क्या भारत में किसी नई लहर को लेकर चिंतित होने की आवश्यकता है?

क्या भारत में किसी नई लहर को लेकर चिंतित होने की आवश्यकता है?

इसके बारे में उनका कहना है कि दुनिया में सबकुछ सामान्य किए जाने की कोशिश की जा रही है। लेकिन, एक चीज के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता कि कब एक या अधिक वेरिएंट ऑफ कंसर्न की वजह से हालत बदल जाएं? अगले साल वायरस के नए वेरिएंट आएंगे, जैसा कि पिछले तीन वर्षों में हुआ है। लेकिन, उन्हें वेरिएंट ऑफ कंसर्न का दर्जा तभी मिलेगा, जब वह किसी वजह से ज्यादा चिंताजनक होंगे। चीन में जो हो रहा है, वह 2022 में जैसे पहले कई देशों में हो चुका है, वैसा ही है। जहां पाबंदियां खत्म होने के बाद ऐसी नौबत आई है। स्वामीनाथन के अनुसार, चीन में प्राकृतिक संक्रमण और वैक्सीन वाली इम्यूनिटी की कमी रही। बुजुर्गों को बूस्टर डोज तो छोड़िए शुरुआती वैक्सीन भी नहीं लगी। जिसके चलते आबादी के एक बड़े तबके के लिए ओमिक्रॉन सब-वेरिएंट का जोखिम पैदा हो गया। हमें इस वेरिएंट पर नजर रखने और इसकी वजह से पैदा होने वाले किसी भी चिंताजनक वेरिएंट की निगरानी करनी होगी।

क्या देश में कोरोना वैक्सीन की चौथी खुराक जरूरी है ?

क्या देश में कोरोना वैक्सीन की चौथी खुराक जरूरी है ?

भारत में कोविड वैक्सीन की तीसरी डोज दी गई है। इसे बूस्टर या प्रिकॉशन डोज कहा जाता है। अब सरकार की भी अपील है कि जिन्होंने किसी कारण से प्रिकॉशन डोज छोड़ रखी है, वह इसे अब भी जरूर लगवा लें। लेकिन, सवाल है कि जो लोग वैस्कीन की तीसरी खुराक लगवा चुके हैं, क्या उनके लिए अब चौथी खुराक जरूरी हो चुकी है? इसपर विश्व स्वास्थ्य संगठन की पूर्व चीफ-साइंटिस्ट का कहना है कि यह कई सारे फैक्टर पर निर्भर करता है। इसमें व्यक्ति की उम्र, लगाई गई वैक्सीन, उसकी स्थिति और तीसरी डोज कब लगाई गई थी। मसलन, जो लोग हाई रिस्क वाले हैं, यानि जो बुजुर्ग हैं, जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है, चौथी डोज लगवाने पर उनकी इम्यूनिटी और मजबूत हो सकती है, जिससे उन्हें इस बीमारी से ज्यादा सुरक्षा मिल सकती है। जहां तक कितनी अवधि के बाद चौथी डोज दी जाए, इसपर और रिसर्च की आवश्यकता है। साथ ही साथ यह भी देखना पड़ेगा कि बूस्टर के तौर पर कौन सी वैक्सीन लगाई जा रही है। खासकर भारत जैसे देश में जहां हाल ही में नेजल वैक्सीन को मंजूरी दी गई है। यह संभव है कि बूस्टर के रूप में इसके इस्तेमाल से संक्रमण की रोकथाम में फायदा मिले, लेकिन इसपर सावधानीपूर्वक रिसर्च करने की जरूरत है।

क्या सालाना बूस्टर लगवाने की आवश्यकता है ?

क्या सालाना बूस्टर लगवाने की आवश्यकता है ?

उनके मुताबिक सौभाग्य से वुहान से निकले मूल कोरोना वायरस के खिलाफ विकसित की गई ऑरिजनल वैक्सीन अभी भी गंभीर रोग और मौत को रोक पाने में कारगर है। हालांकि ओमिक्रॉन वाले वायरस ऑफ कंसर्न के मामले में इसका प्रभाव घटा है। लेकिन, तीन डोज- दो शुरुआती और तीसरी बूस्टर प्रभावी इम्यून रेस्पॉन्स के लिए आमतौर पर कारगर है। हम अभी भी नहीं जानते कि क्या सालाना बूस्टर की जरूर पड़ेगी, लेकिन हम यह जरूर जानते हैं कि समय के साथ इसका प्रभाव खत्म हो जाएगा, विशेष रूप से बुजुर्गों में। किसी भी नए वायरस ऑफ कंसर्न के लिए यह आवश्यक है कि लोगों को वैक्सीन की पूरी डोज लगी रहे। खासकर बुजुर्गों और बीमारों को बूस्टर की खुराक सुनिश्चित की जानी चाहिए।

इसे भी पढ़ें- जापान के बाद अमेरिका भी चीनी यात्रियों की कर सकता है सख्त जांच, भारत में अभी नोटिफिकेशन का इंतजारइसे भी पढ़ें- जापान के बाद अमेरिका भी चीनी यात्रियों की कर सकता है सख्त जांच, भारत में अभी नोटिफिकेशन का इंतजार

अगला 40 दिन भारत पर भारी !

अगला 40 दिन भारत पर भारी !

इस बीच न्यूज एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक आधिकारिक सूत्रों ने संक्रमण के पिछले पैटर्न को देखते हुए आशंका जताई है कि अगले 40 दिन भारत के लिए बहुत ही अहम हैं, क्योंकि जनवरी में कोरोना वायरस के मामले में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। एक अधिकारी ने कहा है, 'पहले यह देखा गया है कि पूर्वी एशिया के 30 से 35 दिनों बाद कोविड-19 की नई लहर भारत में हिट करता है।' हालांकि, उस अधिकारी ने ये भी कहा कि यदि लहर भी देखने को मिलती है तो भी यह ज्यादा गंभीर नहीं होगी और मौतें और अस्पताल में भर्ती करवाने के मामले बहुत ही कम होंगे।

Comments
English summary
may be a less dangerous wave of Covid in India in next 40 days. Meanwhile, the former Chief Scientist of WHO has said that if three doses of the Covid vaccine are used, then that too is very effective
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X