क्या कोरोना की तीसरी लहर से बचने के लिए वैक्सीन की बूस्टर डोज की है जरूरत, जानें डॉ वीके पॉल ने क्या कहा?
क्या कोरोना की तीसरी लहर से बचने के लिए वैक्सीन की बूस्टर डोज की है जरूरत, जानें डॉ वीके पॉल ने क्या कहा?
नई
दिल्ली,
14
सितंबर:
भारत
में
75
करोड़
कोरोना
वायरस
वैक्सीन
की
डोज
दे
दी
गई
है।
वैक्सीनेशन
को
लेकर
नीति
आयोग
के
सदस्य
और
कोविड-19
टास्क
फोर्स
के
प्रमुख
डॉ
वीके
पॉल
ने
कहा
है
कि
भारत
पूरी
वयस्क
आबादी
का
टीकाकरण
इस
साल
के
आखिर
तक
कर
लेगा।
वीके
पॉल
ने
कहा
है
कि
वैक्सीन
लेना
है
या
नहीं
इसकी
झिझक
अब
लोगों
के
अंदर
से
खत्म
हो
गई
है।
हमारे
पर
अब
लोगों
तक
आसानी
से
वैक्सीन
पहुंचाने
की
जरूरत
है।
डॉ
वीके
पॉल
ने
यह
भी
बताया
कि
क्या
कोरोना
की
तीसरी
लहर
से
बचने
के
लिए
वैक्सीन
की
बूस्टर
डोज
की
जरूरत
है।
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वैक्सीन बूस्टर डोज पर क्या बोले डॉ वीके पॉल?
डॉ वीके पॉल ने कोरोना के वैक्सीन बूस्टर डोज पर कहा, अभी बूस्टर डोज पर बहुत कम डेटा उपलब्ध है। कोवैक्सिन बूस्टर डोज की आवश्यकता को देखने के लिए एक रिसर्च कर रही है। डॉ वीके पॉल ने कहा, 'डब्ल्यूएचओ ने भी फिलहाल बूस्टर डोज की जरूरत पर कुछ नहीं कहा है और अभी हमारा ध्यान सभी को दो डोज से टीका लगाने पर होना चाहिए।''
वहीं एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने इससे पहले कहा था कि कोविड-19 की तीसरी लहर से बचने के लिए बूस्टर डोज फायदेमंद हो सकता है लेकिन हमारे पास डेटा नहीं है इसलिए अभी सही आंकलन नहीं बताया जा सकता है।
फेस्टिवल सीजन से बढ़ सकता है कोरोना के मामले
कोरोना की तीसरी लहर पर वीके पॉल ने यह भी कहा कि तीसरी लहर की भविष्यवाणी करना मुश्किल था लेकिन पिछले रुझानों में देखा गया है कि कैसे त्योहारी सीजन के बाद मामलों में बढ़ोतरी हुई थी। डॉ वीके पॉल ने कहा, "पहले भी यह देखा गया था कि त्योहारों के मौसम में पार्टियों के बाद कोरोना के मामले बढ़े हैं। ऐसा लगता है कि वायरस पार्टियों से प्यार करता है। हमें इसे रोकने के लिए फेस्टिवल सीजन में सतर्क रहना होगा।''
क्या तीसरी लहर में डेल्टा वेरिएंट घातक हो सकता है?
डॉ वीके पॉल ने कहा, अलग-अलग संस्था द्वारा किए गए गणितीय अनुमानों ने कहा कि तीसरी लहर आएगी। लेकिन तीसरी लहर में डेल्टा वेरिएंट का कितना योगदान होगा...या उसका कोई नया म्यूटेंट आएगा, ये कहा नहीं जा सकता है। डेल्टा वेरिएंट की एक उप-रेखा उत्परिवर्तन है लेकिन हमें विश्वास नहीं है कि यह डेल्टा से अधिक घातक है।