J&K:ईरान के सबसे बड़े धार्मिक नेता खमैनी बोले...भारत से अच्छे संबंध,लेकिन कश्मीरी मुसलमानों की है चिंता
नई दिल्ली- ईरान के सबसे बड़े नेता अयातुल्लाह सईद अली खमैनी ने कश्मीर के मुसलमानों को लेकर चिंता जताई है। हालांकि, उन्होंने भारत के साथ ईरान के अच्छे ताल्लुकातों का भी जिक्र किया है। उन्होंने भारत सरकार से उम्मीद जताई है कि वह 'कश्मीर के लोगों के हित में नीति अपनाएगी।'
खमैनी ने ट्विटर के माध्यम से भारत तक अपनी चिंता पहुंचाने की कोशिश की है। उन्होंने लिखा है, "हम कश्मीर में मुस्लिमों की स्थिति को लेकर चिंतित हैं। भारत के साथ हमारे अच्छे संबंध हैं, लेकिन हम भारत सरकार से उम्मीद करते हैं कि वह कश्मीर के लोगों के हित में नीति अपनाएगी और क्षेत्र में मुसलमानों का उत्पीड़न और अत्याचार रोकेगी।"
खमैनी ने कश्मीर को लेकर भारत-पाकिस्तान के बीच विवाद के लिए ब्रिटेन को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा है कि 'कश्मीर की मौजूदा स्थिति और भारत-पाकिस्तान के बीच विवाद ब्रिटेन की देन है, जो उसने भारतीय उपमहाद्वीप को छोड़ते वक्त अपनाई थी।' उन्होंने ये भी लिखा है कि, 'ब्रिटेन ने जानबूझकर इलाके में जख्म छोड़ दिया, ताकि कश्मीर पर विवाद बना रहे।'
बता दें कि खमैनी ने कश्मीर के मुसलमानों की स्थिति पर चिंता ऐसे वक्त में जताई है, जब पाकिस्तान इस मसले को अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ले जाने की कवायद में जुटा हुआ है। इससे पहले वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का भी दरवाजा खटखटा चुका है।
यही नहीं कश्मीर की हालात को विस्फोटक बताते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने भी दोबारा से मध्यस्थता की पेशकश की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तानी पीएम इमरान खान से फोन पर हुई बातचीत के अगले दिन ही उन्होंने कश्मीर के बारे में कहा कि यह बेहद ही उलझी हुई जगह है। उन्होंने कहा कि उन्हें कश्मीर की स्थिति को शांत करने के लिए मदद करने में खुशी होगी। उन्होंने भी यह कहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद में धर्म भी एक बहुत बड़ा मुद्दा है।
जबकि, जम्मू-कश्मीर पर भारत का हमेशा से यही स्टैंड है कि यह क्षेत्र उसका अभिन्न अंग है और पाकिस्तान के साथ विवाद दोनों देशों के बीच का द्वपक्षीय मसला है और इस बात को पूरी दुनिया मान भी चुकी है। अभी भी राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने या आर्टिकल 370 हटाने का जो फैसला हुआ है उसे पाकिस्तान और चीन के अलावा पूरी दुनिया ने भारत का आंतरिक मसला ही माना है।