इंटरनेट बंद होने से हर घंटे होता है इतने करोड़ रुपए का नुकसान
नई दिल्ली। संशोधित नागरिकता कानून और एनआरसी को लेकर देश भर में प्रदर्शन हो रहा है। यूपी में इस दौरान कई जिलों में हिंसक प्रदर्शन हुए हैं जिसको देखते हुए सरकार ने एहतियातन इन जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं। यूपी के अलावा असम सहित पूर्वोत्तर के कई राज्यों में भी इंटरनेट सेवाएं बंद की गई थीं। इंटरनेट बंद होने से आम लोगों को परेशानी होती है तो दूसरी तरफ, टेलीकॉम कंपनियों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ता है।
टेलीकॉम कंपनियों को हो रहा भारी नुकसान
माना जा रहा है कि फर्जी तस्वीरों और फर्जी खबरों पर रोक लगाने के लिए हिंसा प्रभावित इलाकों में इंटरनेट सेवाएं बंद की गई हैं। मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर्स के संगठन सेल्यूलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने कहा है कि इंटरनेट बंद होने से प्रतिघंटे करीब 2.5 करोड़ रु का नुकसान हो रहा है। सीओएआई के एक अधिकारी ने बताया कि इस संबंध में केंद्र को चिट्ठी लिखी गई है। हालांकि, सरकार की तरफ से इसपर कोई जवाब अभी नहीं आया है। सीओएआई के महासचिव राजन मैथ्यू के मुताबिक, राजस्थान में पेपर लीक होने का डर या फिर जम्मू-कश्मीर में हिंसा फैलने का डर, सरकार ऐसी जगहों पर इंटरनेट बंद करने की नीति अपनाती रही है।
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लागत पर भी विचार किया जाना चाहिए- राजन मैथ्यू
उन्होंने कहा कि इंटरनेट बंद करने से पहले इसकी लागत पर भी विचार किया जाना चाहिए। सीओएआई के महासचिव का ये बयान ऐसे समय में आया है जब संशोधित नागरिकता कानून और एनआरसी को लेकर हिंसक प्रदर्शन के बाद यूपी के कई जिलों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। आर्किटल 370 हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में भी सरकार ने इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी थीं। सीओएआई के अधिकारियों की मानें तो इंटरनेट बंद करने की प्रक्रिया में कई कमियां भी हैं।
इस साल अलग-अलग इलाकों में करीब 100 बार इंटरनेट हुआ बंद- मैथ्यू
सीओएआई के अधिकारियों का कहना है कि 8 अगस्त, 2017 के गजट नोटिफिकेशन में भी इन खामियों को लिस्टेड किया गया है और सरकार का ध्यान इस ओर आकर्षित किया गया है। अधिकारियों का कहना है कि आम तौर पर इंटरनेट बंद करने संबंधी नोटिफिकेशन पर सचिव स्तर के अधिकारी के सिग्नेचर नहीं होते हैं, साथ ही इंटरनेट बंद करने के आदेश की जानकारी हर बार सीओएआई को नहीं दी जाती है। सीओएआई के महासचिव राजन मैथ्यू का कहना है कि इस साल करीब 100 बार देश के अलग-अलग इलाकों में इंटरनेट बंद किया गया है। इसे नियंत्रित करने का प्रयास किया जाना चाहिए।