International Tiger Day: आखिर क्यों जरूरी है टाइगर्स को बचाना, इन्हें बचाने में भारत ने पेश की मिसाल
नई दिल्ली, 29 जुलाई। अच्छा आपको हिंदी कितनी भी अच्छी लगती हो लेकिन जब टाइगर या बाघ में से किसी एक शब्द को आपको चुनना हो जिसे आप बोलना पसंद करेंगे तो अधिकतर लोग टाइगर कहना पसंद करेंगे। टाइगर जैसे खूबसूरत और अदम्य जानवर को करीब से देखना अपने आप में लाइफटाइम एडवेंचर से कम नहीं है। इस बेहतरीन जानवर को कई संस्कृतियों में साहस, स्वाभिमान का प्रतीक माना जाता है। टाइगर्स का वैज्ञानिक नाम पैंथेरा थिगरिस है और दुनियाभर में सबसे लोकप्रिय जानवरों में से एक हैं।
Recommended Video
टाइगर्स को बचाने की ग्लोबल मुहिम
दुख की बात यह है कि इस बेहद खूबसूरत जानवर के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है और टाइगर्स की संख्या में काफी तेजी से कमी देखने को मिल रही है। हालांकि भारत में जब टाइगर्स सिर्फ 1400 ही बचे थे तो इसको लेकर बड़ा अभियान चलाया गया और सेव द टाइगर्स की मुहिम की शुरुआत की गई, जिसके तहत लोगों को टाइगर्स की महत्ता और जंगल में इसकी उपस्थिति क्यों अनिवार्य है, आदि के बारे में जागरूक किया जाने लगा। जिसका धीरे-धीरे असर भी दिखना शुरू हुआ और टाइगर्स की संख्या में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली है। आज यानि 29 जुलाई को ग्लोबल टाइगर डे या अंतरराष्ट्रीय टाइगर दिवस के मौके पर यह जानने की कोशिश करेंगे कि आखिर यह खूबसूरत जानवर इतना खास क्यों है और इसकी भारत में क्या स्थिति है।
क्या है अंतरराष्ट्रीय टाइगर डे
लगातार जिस तरह से जंगलों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है और तेजी से शहरीकरण के दौर में जंगल काटे जा रहे हैं उसकी वजह से जानवरों के प्राकृतिक वाइल्डलाइफ को काफी नुकसान पहुंचा है। 20वी शताब्दी की शुरुआत से टाइगर्स की तकरीबन 95 फीसदी आबादी शहरीकरण और जंगलों की कटाई की वजह से अपना अस्तित्व खो चुकी है। इस साल अंतरराष्ट्रीय टाइगर्स डे की थीम Their Survival is in our hands' यानि उनका अस्तित्व हमारे हाथ में है, रखा गया है। अंतरराष्ट्रीय टाइगर दिवस की शुरुआत 2010 में टाइगर्स को बचाने की इरादे से शुरू की गई थी। जंगल के पारिस्थितिक तंत्र के संतुलन को बनाए रखने के लिए टाइगर्स की आवश्यकता बहुत अधिक है, यही वजह है कि टाइगर्स को बचाने की मुहिम की शुरुआत की गई। दुनियाभर में इस समय तकरीबन 3900 टाइगर्स हैं, जिसमे से लगभग 3000 भारत में हैं। WWF का लक्ष्य है कि इस संख्या को बढ़ाकर 6000 तक पहुंचाया जाए।
भारत में दुनिया के 70 फीसदी टाइगर
भारत में टाइगर्स की बात करें तो 1973 में बंगाल टाइगर को देश का राष्ट्रीय पशु घोषित किया गया था। इसका मुख्य लक्ष्य था कि प्रोजेक्ट टाइगर की शुरुआत की जाए, जिसके तहत भारत में टाइगर्स को बचाया जाएगा। भारत रॉयल टाइगर्स की धरती है। भारत में टाइगर्स की कुल आबादी 2967 है और यह दुनियाभर में टाइगर्स की कुल आबादी का तकरीबन 70 फीसदी है। ये टाइगर्स देश के अलग-अलग टाइगर रिजर्, नेशनल पार्क और चिड़ियाघर में हैं।
टाइगर्स की संख्या घटकर एक लाख से 3200 तक पहुंच गई
वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर के आंकड़ों के मुताबिक 20वीं सदी की शुरुआत में दुनियाभर में तकरीबन एक लाख टाइगर्स थे। लेकिन 2010 तक इनकी संख्या में जबरदस्त गिरावट हुई और दुनियाभर में सिर्फ 3200 टाइगर ही बचे। जिसकी वजह से इन्हें बचाने की मुहिम की शुरुआत की गई। भारत में कई टाइगर रिजर्व बनाए गए जहां टाइगर्स को संरक्षित किया जाता है और उन्हें शिकारियों से बचाया जाता है।
देश में टॉप 10 टाइगर रिजर्व
देश के चुनिंदा टाइगर रिजर्व की बात करें तो इसमे उत्तराखंड का जिम कॉर्बेट, राजस्थान का रणथंबौर टाइगर रिजर्व, मध्य प्रदेश का बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व, असम का काजिरंगा टाइगर रिजर्व, पश्चिम बंगाल का सुंदरबन टाइगर रिजर्व, महाराष्ट्र का तडोबा अंधारी टाइगर रिजर्व, कर्नाटक का नागराहोल टाइगर रिजर्व, उत्तराखंड का राजाजी टाइगर रिजर्व, कर्नाटक का बांदीपुर टाइगर रिजर्व, मध्य प्रदेश का कान्हा टाइगर रिजर्व प्रमुख है।