Covid-19: नहीं मिल रहा ब्लैक फंगस का इंजेक्शन, सोशल मीडिया पर लोग लगा रहे गुहार
नई दिल्ली, 19 मई। कोरोना महामारी की दूसरी लहर जब से देश में फैली है तब से स्वास्थ्य सेवाओं का ढांचा बुरी तरह चरमरा गया है। महामारी के फैलने के बाद अप्रैल से लगातार स्वास्थ्य सेवाओं पर जो दबाव बना वो आज तक खत्म नहीं हो रहा है। सोशल मीडिया पर मरीजों की लिए आवश्यक चीजों के लिए गुहार लगाने का सिलसिला खत्म ही नहीं हो रहा है। शुरुआत में मरीजों के लिए अस्पताल में बेड की गुहार, फिर रेमडेसिविर की मांग तो कभी ऑक्सीजन के लिए मदद मांगते लोगों की लिस्ट में अब एक और चीज का नाम जुड़ गया है और यह है एम्फोटेरेसिन बी दवा।
कोरोना वायरस के साथ ही एक और घातक बीमारी तेजी से फैल रही है जिसका नाम है म्यूकोरमाइकोसिस जिसे ब्लैक फंगस भी कहा जाता है। कोरोना वारस से ठीक हो चुके कई लोगों में इस ब्लैक फंगस नामक बीमारी ने हमला बोला है। इस बीमारी के चलते लोगों की आंख की रोशनी जाने से लेकर मौत तक हुई है।
एम्फोटेरेसिन बी एक एंटी फंगल दवा है जिसका इस्तेमाल ब्लैक फंगस बीमारी के इलाज में किया जा रहा है।
सोशल
मीडिया
पर
गुहार
पिछले
कुछ
दिनों
से
सोशल
मीडिया
की
फीड
और
व्हाट्सएप
ग्रुप
में
एम्फोटेरेसिन
इंजेक्शन
दिलाने
के
लिए
मदद
की
गुहार
लगाई
जा
रही
है।
दिल्ली-एनसीआर
के
पास
में
इसकी
मांग
ज्यादा
तेज
है।
इस
सप्ताह
की
शुरुआत
में
गुड़गांव
के
एक
अस्पताल
ने
इसकी
कमी
की
बात
कही
थी
जिसके
बाद
हरियाणा
सरकार
ने
इंजेक्शन
की
खरीद
के
लिए
पैनल
गठित
किया
था।
नोएडा के अस्पतालों में भर्ती मरीजों के ब्लैक फंगस का इलाज करने में मुश्किल हो रही है क्योंकि जिले में एम्फोटेरिसिन कहीं भी नहीं रही है। सीएमओ ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग लखनऊ से सप्लाई पहुंचने का इंतजार कर रहा है। वहीं केमिस्ट को इस दवा को खरीदने की अनुमति नहीं दी गई है।
बाजार
में
नहीं
उपलब्ध
ड्रग
इंस्पेक्टर
के
मुताबिक
बाजार
में
एम्फोटेरिसिन
बी
इंजेक्शन
उपलब्ध
नहीं
है।
उन्होंने
कहा
कि
जब
हमें
दवा
मिलेगी
तो
सरकार
के
निर्देशों
के
मुताबिक
हम
इसे
अस्पतालों
में
वितरित
करेंगे।
इसे
राज्य
द्वारा
केंद्रीकृत
तरीके
से
मंगाया
जा
रहा
है
और
फिर
जिले
में
वितरित
किया
जा
रहा
है।
कोरोना के बीच मेरठ में ब्लैक फंगस का कहर, अब तक तीन लोगों की मौत