पटना-इंदौर एक्सप्रेस हादसे की शिकार लेकिन रेलवे के रनिंग स्टेटस में 9 मिनट लेट
इंदौर-पटना एक्सप्रेस हादसे की शिकार हो गई, लेकिन रेलवे की वेबसाइट इसे अभी भी 9 मिनट लेट बता रही है।
नई दिल्ली। इंदौर से पटना जा रही इंदौर-पटना एक्सप्रेस(19321) कानपुर देहात के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई। ट्रेन के 14 डिब्बे पटरियों से उतर गए। 99 लोगों की मौत हो गई, 200 के करीब लोग घायल हो गए, अपने-अपनों से बिछड़ गए। कईयों की मांग सूनी हो गई तो कईयों की कोख। कितनों को तो पता भी नहीं कि उसपर आसमान टूट पड़ा है, लेकिन हादसों से सबक लेना रेलवे ने नहीं सीखा।
जिस ट्रेन का कानपुर के पास रात करीब 3 बजकर 11 मिनट पर एक्सीटेंड हो गया, लेकिन रेलवे की वेबसाइट पर इसके बारे में कुछ अपटेड नहीं किया गया है। खबर लिखे जाने तक रेलवे की वेबसाइट पर इस ट्रेन के running stutus में इसे अभी भी कानपुर पहुंचने के समय में 9 मिनट लेट दिखाया जा रहा है। हादसे को लेकर इस वेबसाइट पर कोई जानकारी नहीं दी गई है। लिखा है ट्रेन कानपुर अपने तय वक्त 4:09 से 9 मिनट लेट पहुंचेंगी।
अगर रेलवे ने सुनी होती इस यात्री की बात तो बच जाती 91 लोगों की जानें
लोग हादसे के शिकार ट्रेन में सवार अपनों की तलाश मे बेहाल है, लेकिन इतने बड़े हादसे के बावजूद ट्रेन के बारे में सही अपडेट करने के बजाए रेलवे के अधिकारी रविवार की छुट्टी मनाते रहे हैं। उन्होंने इसे अपटेड करने की कोशिश नहीं की। इस हादसे के बाद देश दर्द में डूब गया। लोगों की आंखें नम हो गई, लेकिन रेलवे की इस लापरवाही पर नाराज होना लाजिमी है।
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वहीं इस बीच खबर ये भी आई कि इसी ट्रेन में सवार इस शख्स ने रेलवे के अधिकारियों और बोगी के टीटीई को पहियों से आ रही असमान्य आवाज के बारे में बताया, लेकिन उसकी बात को किसी से गौर से नहीं सुना। प्रकाश शर्मा नाम के शख्स ने हादसे के बाद खुद टीवी चैनल को बताया कि वो इस ट्रेन से नियमित सफर करते है, लेकिन हादसे वाले दिन ट्रेन के पहियों से कुछ अलग आवाज आ रही थी। उन्होंने इसके बारे में एस-2 बोगी के टीटीई और ट्रेन में मौजूद अधिकारियों को भी बचाया, लेकिन सबने उनकी बातों को अनसुना कर दिया। अफसोस ज ताते हुए प्रकाश ने कहा कि अगर किसी से उनकी बातों पर ध्यान दिया होता तो आज 91 जानें बच जाती।