Covid-19 को मात दे चुकी भारत की पहली संक्रमित महिला, फिर से कोरोना की चपेट में आई
नई दिल्ली, 13 जुलाई। देश में कोरोना वायरस ने पिछले डेढ़ साल से आतंक मचा रखा है, संक्रमण का पहला मामला जनवरी, 2020 में सामने आया था जिसके बाद मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती गई। इस बीच कोविड से ठीक हो चुके देश की पहली संक्रमित महिला को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है, बताया जा रहा है कि वह फिर से कोरोना वायरस की चपेट में आ गई है। केरल के स्वास्थ्य अधिकारी ने मंगलवार को इस खबर की पुष्टि करते हुए बताया कि त्रिशूर की रहने वाली महिला, जिसे भारत में पहला कोविड संक्रमित माना जाता है, वह फिर से महामारी की चपेट में आ गई है। हालांकि युवती में कोविड के ऊपरी लक्षण नहीं दिखाई दिए हैं।
जनवरी, 2020 में कोरोना लेकर लौटी थी महिला
स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि केरल के त्रिशूर निवासी छात्रा ने बीते वर्ष चीन के एक मेडिकल कॉलेज में दाखिला लिया, इसके बाद वह जनवरी, 2020 में कोविड संक्रमण के साथ भारत लौटी थी। कोविड लक्षणों के बाद वह देश में पाई गई पहली कोरोना संक्रमित मरीज थी। कोविड प्रतिबंधों में छूट के बाद वह दिल्ली जाने की योजना बना रही थी, इस सिलसिले में उसका कोविड टेस्ट किया गया तो वह फिर से संक्रमित पाई गई। युवती के परिवार ने जानकारी दी कि फिलहाल वह होम क्वारंटीम में है।
युवती में कोरोवा वायरस के लक्षण नहीं
परिजनों के मुताबिक युवती में कोरोवा वायरस के लक्षण नहीं दिखाई दिए, उसे कोविड वैक्सीन की पहली खुराक भी लगाई जा चुकी है। बता दें कि छात्रा ने साल 2020 में संक्रमण के बाद करीब एक महीने अस्पताल में बिताया था, बाद में चीन से आने वाले उसी साथी दोस्तों का भी कोविड टेस्ट करने पर रिपोर्ट पॉजिटिव पाया गया था। अपने एक इंटरव्यू में युवती ने कहा था, 'उसने कभी नहीं सोचा था कि वह कोरोना संक्रमित होगी, लेकिन जब रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो मुझे सबसे ज्यादा चिंता अपने घरवालों की हो रही थी।'
24 दिन पीपीई किट पहने अस्पताल में गुजारे
छात्रा ने बताया था कि संक्रमित होने के बाद 24 दिन उसने पीपीई किट अस्पताल में गुजारे थे, मेडिकल छात्र होने की वजह से कोरोना से लड़ने में उसे काफी मदद मिली थी। पिछले साल जनवरी से अक्टूबर तक इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के एक अध्ययन में 4.5 फीसदी लोगों में फिर से कोरोना संक्रमण होने का अनुमान लगाया गया था। नई दिल्ली के इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी (IGIB) के शोधकर्ताओं ने पाया कि अप्रैल महीने में दिल्ली में आई कोरोना लहर के दौरान 10% से अधिक लोगों के फिर से वायरस के संपर्क में आने की संभावना थी।
लोगों में कम हो रही एंटीबॉडी
IGIB का यह शोध दिल्ली के 10 अलग-अलग स्थान से करीब 1,000 के नमूनों की जांच पर आधारित था। रिसर्च में यह भी पाया गया कि ऐसे लोगों में एंटीबॉडी फिर से बढ़ने की बजाए ज्यादातर घट रही थीं। बता दें कि कोरोना वायरस का कहर देश में अभी भी जारी है, स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक मंगलवार (13 जुलाई) को देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 31,443 नए मामले सामने आए हैं। 118 दिनों में ये सबसे कम दैनिक केस के आंकड़े हैं। देश में कोरोना रिकवरी रेट बढ़ कर 97.28 प्रतिशत हो गई है। देश में फिलहाल एक्टिव केसों की संख्या 4,31,315 है।
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