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भारतीय रेलवे के ये बड़े स्टेशन अब बिजली के भरोसे नहीं हैं, सौर ऊर्जा से हुए आत्मनिर्भर, 100% आपूर्ति में सक्षम

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नई दिल्ली, 20 अप्रैल: बढ़ती गर्मी के चलते जहां एक तरफ देश में ऊर्जा संकट की स्थिति पैदा हो रही है, वहीं भारतीय रेलवे को इस दिशा में एक और बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। इसके दो बड़े रेलवे स्टेशनों ने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा दिया है। इसके चलते ना सिर्फ पर्यावरण की रक्षा हो रही है, बल्कि सरकारी खजाने से बहुत बड़ा बोझ भी उतरना शुरू हो गया है। हम यहां सौर ऊर्जा के क्षेत्र में रेलवे की सिर्फ तीन प्रमुख तस्वीरें पेश कर रहे हैं, जिसके जरिए आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं कि यह वर्तमान के साथ-साथ भविष्य के लिए कितनी अच्छी खबर है।

ग्रीन एनर्जी लक्ष्य की ओर रेलवे का बड़ा कदम

ग्रीन एनर्जी लक्ष्य की ओर रेलवे का बड़ा कदम

भारतीय रेलवे ग्रीन एनर्जी के लक्ष्य की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है। पर्यावरण संरक्षण के नजरिए से भारतीय रेल ट्रेनों और रेलवे स्टेशनों का संचालन सौर ऊर्जा से करने की कोशिशों में जुटी है। जिसमें चेन्नई स्थित पुरेच्चि तलेवर डॉक्टर एमजी रामचंद्रन सेंट्रल रेलवे स्टेशन अब पूरी तरह से सौर ऊर्जा से संचालित होने लगा है। यह पहला स्टेशन है, जिसने एनर्जी न्यूट्रल विचारों के साथ यह सफलता हासिल की है। यहां के 13 स्टेशन भवनों पर सोलर वोल्टाइक पैनल लगाए गए हैं और इसने इसे बिजली पर निर्भरता खत्म करके पूरी तरह से सौर ऊर्जा के जरिए आत्मनिर्भर बना दिया है। ये पैनल यहां की 100% ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में सक्षम हैं।

चेन्नई और विजयवाड़ा स्टेशन सौर ऊर्जा से संचालित

चेन्नई और विजयवाड़ा स्टेशन सौर ऊर्जा से संचालित

चेन्नई सेंट्रल स्टेशन में 1.5 मेगावाट सौर ऊर्जा की क्षमता स्थापित की गई है। दिन के दौरान स्टेशन पर जितनी भी बिजली की आवश्यकता है, उसके लिए किसी दूसरी स्रोत का मुंह नहीं देखना होता है। इसका सबसे बड़ा लाभ बिजली की बचत तो है ही, कार्बन उत्सर्जन भी कम हो रहा है। इससे पहले आंध्र प्रदेश का विजयवाड़ा रेलवे स्टेशन पहला ऐसा स्टेशन है, जो पूरी तरह सोलर एनर्जी से लैस है। यहां पर टीन शेड की जगह सोलर पैनल लगे हुए हैं, जो धूप और बारिश से भी बचाते हैं और जीवाश्म ईंधन की रक्षा करने में मददगार साबित हो रहे हैं।

विजयवाड़ा स्टेशन पर 130 किलोवाट बिजली पैदा होती है

विजयवाड़ा स्टेशन पर 130 किलोवाट बिजली पैदा होती है

विजयवाड़ा के प्लेटफॉर्म के ऊपर लगे सोलर पैनल के जरिए 130 किलोवाट बिजली उत्पन्न होती है। यहां सौर ऊर्जा से हर साल 2.2 लाख यूनिट बिजली पैदा की जा रही है। इस स्टेशन की जो कुल बिजली खपत है, उसका 18% इसी से पूरा किया जा रहा है। इसके चलते देश के सबसे बड़े ट्रांसपोर्टर को हर साल 16 लाख रुपये की बचत हो रही है।

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नॉर्थ सेंट्रल रेलवे ने 5.01 करोड़ रुपये बचाया

भारतीय रेलवे दूसरे स्टेशनों में इस तरह के सोलर पैनल लगाने की कोशिशों में जुटा हुआ है। रेलवे को उम्मीद है कि इस तरह से ग्रीन रेलवे का लक्ष्य पूरा करना आसान होगा। कुछ समय पहले ऐसी खबरें आई थीं कि साल 2021-22 में सोलर पैनल से बिजली उत्पादित करने में नॉर्थ सेंट्रल रेलवे जोन अव्वल रहा है। इस वित्त वर्ष में एनसीआर जोन ने 124 लाख यूनिट बिजली सौर ऊर्जा से उत्पादित किया, जो कि उसके एक साल पहले के मुकाबले 17 फीसदी अधिक है। इस तरह से सौर ऊर्जा ने नॉर्थ सेंट्रल रेलवे जोन को बीते वित्त वर्ष में 5.01 करोड़ रुपये की बजत कराई है। यह इससे एक साल पहले के मुकाबले 26% ज्यादा रकम है।

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English summary
Indian Railways' Chennai and Vijwada railway stations are being operated on solar energy, railways are saving crores of rupees in a year
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