इंडियन मुजाहिद्दीन से कटा रियाज भटकल का पत्ता
बेंगलूरु।
भारत
का
आतंकी
संगठन
और
देश
में
कई
आतंकी
वारदातों
का
जिम्मेदार
इंडियन
मुजाहिद्दीन
अब
बंटता
नजर
आ
रहा
है।
इस
संगठन
को
बनाने
वालों
में
से
एक
रियाज
भटकल
को
संगठन
में
किनारे
कर
दिया
गया
है।
रियाज की हालत अब यह है कि वह अकेला पड़ गया है। फिलहाल सुल्तान अहमद अरमार नामक व्यक्ति इस संगठन का नेतृत्व कर रहा है। आपको बता दें कि रियाज का ख्वाब था कि वह अल कायदा की ही तर्ज पर इंडियन मुजाहिद्दीन को आगे बढ़ा सके।
आईएसआई से करीब होने की मिली सजा
रियाज को संगठन के लोगों ने ही किनारे कर दिया है। संगठन के बाकी लोगों को लगने लगा था कि रियाज सिर्फ पाकिस्तान की इंटेलीजेंस एजेंसी आईएसआई के एजेंडे के साथ ही चल रहा है।
ऐसे में संगठन का एजेंडा कारगर साबित नहीं हो पा रहा था और आईएसआई सिर्फ अपने एजेंडे को ही आगे बढ़ाने में लगी हुई थी। सुरक्षा एजेंसियों के पास इस बात के सुबूत हैं कि अब आईएम बंट चुका है और भटकल को किनारे कर अलकायदा की तर्ज पर संगठन को आगे बढ़ाने वाले उसके प्लान पर पूरी तरह से पानी फेर दिया गया है।
संगठन का नया मुखिया आरमर इस बात को महसूस करने लगा था कि रियाज सिर्फ अल कायदा के साथ गठजोड़ की ही बात करता था क्योंकि आईएसआई ने उसे ऐसा करने का हुक्म दिया था।
आईएसआई इस बात को सुनिश्चित करना चाहती थी कि किसी भी तरह से उसका प्रभुत्व उन आतंकी संगठनों पर से खत्म नहीं होना चाहिए जो आईएसआईएस में शामिल होने की मांग कर रहे हैं और अफगानिस्तान की ओर बढ़ रहे हैं।
सात अक्टूबर को भटकल और सुल्तान की चैट
सात अक्टूबर 2014 को सुल्तान अहमद अरमार आईएसआईएस के लिए लोगों की भर्ती करने वाला सबसे अहम शख्स बना दिया गया। इसने अपना नाम बदलकर मौलाना अब्दुल रहमान अल-नदवी अल-हिंदी कर लिया। इसके साथ ही इसने आईएसआईएस के लिए अपना समर्थन भी खुले तौर पर जाहिर कर दिया।
सुल्तान अरमार ने यासिन भटकल के साथ [email protected] इस मेल आईडी के साथ चैट की। यासिन ने सुल्तान से बात करने के लिए [email protected] इस आईडी का प्रयोग कई दफा किया। अरमार पाकिस्तान में था और सुल्तान ने कई बार यासीन से रियाज के बारे में शिकायतें की।
उसने भटकल को बताया कि कैसे उसके एजेंडे को आईएसआई नियंत्रित करती जा रही है। दोनों ने अपनी चैट में संगठन में
नेतृत्व परिवर्तन के बारे में बातें भी कीं। दोनों ने ही इस बात को महसूस किया किया दोनों को साथ आकर उस इंडियन मुजाहिद्दीन की स्थापना करनी होगी जो आईएसआई और रियाज के नियंत्रण से मुक्त हो।
पाक जाते समय पकड़ा गया यासीन
भटकल ने अपनी एक और आईडी [email protected] के साथ अरमार से चैट की। इस बातचीत में अरमार ने उस पर दबाव डाला कि वह अल कायदा में शामिल हो जाए। अरमार ने साफ कर दिया कि वह अल कायदा के बजाय सीरिया जाकरी आईएसआईएस के लिए लड़ना पसंद करेगा।
यासिन ने इंट्रोगेशन के दौरान भी कई बार यासिन और आईएसआई पर आरोप लगाया है कि दोनों उसको सीरिया जाकर आईएसआईएस के साथ लड़ने के लिए दबाव डाल रहे हैं।
यासिन, अरमार से मुलाकात करने के लिए पाकिस्तान भी जाने वाला था। लेकिन वह नेपाल की सीमा पर फंस गया। यहां कोई भी नहीं था जो उसे पाकिस्तान ले जा पाता। इस वजह से ही वह पुलिस की गिरफ्त में आ गया।
अरमार कर रहा आईएसआईएस में भर्ती
वर्तमान
समय
में
आईएम
दो
टुकड़ों
में
बंट
चुका
है।
रियाज
ने
जिस
संगठन
को
भारत
में
शुरू
हुआ
किया
था,
अब
भारत
में
उसकी
मौजूदगी
बहुत
ही
कम
है
और
वह
अपने
मंसूबों
को
भी
आगे
नहीं
बढ़ा
पा
रहा
है।
आरमार
ने
इस
संगठन
के
टुकड़े
कर
डाले
हैं।
इस संगठन के दूसरे हिस्से का नेतृत्व है अरमार जो इसे अंसार-उत-तवाहिद के बैनर तले चला रहा है, जो तहरीक-ए-तालिबानी का एक हिस्सा है। अरमार की अगुवाई वाला हिस्सा आईएसआईस में लोगों की भर्ती से जुड़े कामों को को पूरा कर रहा है।
क्या सोचती है इंटेलीजेंस एजेंसिया
भारतीय इंटेलीजेंस एजेंसियों का कहना है कि अरमार बहुत ही सावधानी से अपने कैडर्स का प्रयोग करेगा। वह अल कायदा के साथ भी करने को तैयार है और साथ ही आने वाले समय में आईएसआईएस का हिस्सा भी बन सकता है।
फिलहाल संगठन की ओर से ऐसा कोई भी इशारा नहीं किया गसा है कि वह आईएसआईए के एजेंडे पर काम करेगा। यह संगठन अल कायदा और आईएसआईएस दोनों ही आतंकी संगठनों के लिए भर्ती करने को तैयार है। हालांकि काफी हद तक अरमार तकरीक-ए-तालिबान पर अपने सारे प्लान के लिए निर्भर करेगा