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कोरोना के खिलाफ लड़ाई की यह तकनीक घाटी में आतंकवाद को रोकने में कारगर साबित हो रही

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नई दिल्ली। देश में तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की मदद ली जाती है, यानि जो भी व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाया गया है, उसके संपर्क में जो भी आया उसके बारे में जानकारी इकट्ठा करके उससे संपर्क स्थापित किया जाता है और उसे आइसोलेट किया जाता है ताकि संक्रमण और लोगों तक नहीं फैल पाए। इस तरकीब का इस्तेमाल ना सिर्फ कोरोना के संक्रमण को रोकने में किया जा रहा है बल्कि देश में आतंकवाद को फैलने से रोकने के लिए भी इस तरकीब का इस्तेमाल किया जा रहा है।

कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग काफी अहम

कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग काफी अहम

जम्मू कश्मीर में युवाओं को आतंकवाद को कम करने और युवाओं को आतंक के रास्ते पर जाने से रोकने के लिए भारतीय सेना इस तरकीब का इस्तेमाल कर रही है। सेना की नई रणनीति के अनुसार घाटी में जो आतंकी सेना की गिरफ्त में आते हैं या फिर जिन आतंकियों को एनकाउंट में ढेर कर दिया जाता है, उन लोगों के संपर्क में जो भी आया होता है उनकी ट्रेसिंग की जाती है और उन्हें समझाया जाता है कि वह इस रास्ते पर ना जाए और हथियार कदापि ना उठाएं। इन लोगों की काउंसलिंग की जाती है कि वह आतंक का रास्ता छोड़ दें।

युवाओं की काउंसलिंग

युवाओं की काउंसलिंग

कश्मीर में XV-Corps के मुखिया लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू का कहना है कि विक्टर फोर्स के मुखिया के तौर पर मैंने अपने कार्यकाल में यह महसूस किया कि सही समय पर सही रास्ता दिखाने से, सही मार्गदर्शन करने से भटके हुए युवाओं को आतंक के रास्ते पर जाने से रोका जा सकता है। हमने कई जिलों में सेना की टुकड़ी की मदद से इस रणनीति को अपनाया और युवाओं की काउंसलिंग की, जिसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिले। दक्षिण कश्मीर के चार जिलों पुलवामा, अनंतनाग, शोपियां, कुलगाम में हमने इस तरकीब का इस्तेमाल किया और यह कारगर सिद्ध हुई।

हथियार उठाने से रोकना लक्ष्य

हथियार उठाने से रोकना लक्ष्य

लेफ्टिनेंट जनरल राजू ने बताया कि सेना हमेशा इस बात पर भरोसा करती है कि चेन को तोड़ने से हम आतंकवाद को फैलने से रोक सकते हैं, मैंने इस रणनीति को शुरुआत से ही अपनाया। कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग काफी कारगर साबित हुई और कई ऐसे युवा जो आतंकवाद के रास्ते पर जा सकते थे, उन्हें बचाया गया। हालांकि सेना के अधिकारी ने यह नहीं बताया कि वर्ष 2020 में कितने युवाओं ने हथियार उठाए, उन्होंने कहा कि नंबर देश के होते हैं, हमारा लक्ष्य सिर्फ इस बात पर केंद्रित है कि लोगों को हथियार उठाने से रोके।

परिवार वाले कर रहे मदद

परिवार वाले कर रहे मदद

सेना के अधिकारी ने बताया कि कई मामलों में युवा लड़कों के माता-पिता और परिवार के सदस्यों ने सोशल मीडिया पर मैसेज साझा किया और इन लड़कों से अपील की कि वह हिंसा का रास्ता छोड़ दें। कई बार ऐसा होता है कि बदले की आग और खून की प्यास में युवा गलत कदम उठा लेते हैं, हम इन लड़कों की इस मनोस्थिति में बदलाव करना चाहते हैं। यह काफी सकारात्मक है कि इन लड़कों के परिवारवाले बच्चों की काउंसलिंग के लिए आगे आ रहे हैं।

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English summary
Indian Army using contact tracing to dissude youth from terrorism.
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