सालभर में कोयले के 5 प्लांटों के बराबर कार्बन उत्सर्जन करते हैं भारतीय एयरपोर्ट, CO2 उत्सर्जन में IGI टॉप पर
IGI को भारत का सबसे सर्वश्रेष्ठ एयरपोर्ट बताया जाता है। वहीं दूसरी तरह यह एयरपोर्ट सबसे अधिक मात्रा में कार्बन का उत्सर्जन करता है। यह एयरपोर्ट सालभर में कोयले के 1 प्लांट की बराबर कार्बन का उत्सर्जन करता है।
नई दिल्ली, 2 अक्टूबर। हवाई अड्डे वैश्विक स्तर पर कितना कार्बन उत्सर्जन करते हैं? एयरपोर्ट कार्बन एक्क्रिडिशन ऑर्गनाइजेशन के अनुसार, हवाई परिवहन क्षेत्र के कुल कार्बन उत्सर्जन में हवाई अड्डा उद्योग का हिस्सा केवल 2% है। 2% आपको एक कम संख्या लग सकती है, लेकिन कार्बन उत्सर्जन के हिसाब से यह इतनी बड़ी संख्या है कि इसमें कटौती करना अत्यंत आवश्यक है। दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति को निर्देश दिए जाने के एक साल बाद भी वायु प्रदूषण और विमानन के कारण होने वाले ध्वनि प्रदूषण के समाधान के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
तो क्या आप जानते हैं कि आपके सबसे नजदीक एयरपोर्ट सालाना कितना कार्बन उत्सर्जन करता है। एयरपोर्ट कार्बन ट्रैकर जो दुनिया भर के एयरपोर्ट से होने वाले कार्बन उत्सर्जन के बारे में जानकारी इकट्ठा करता है, के पास दुनियाभर के 1300 सबसे बड़े लगभग 99% एयरपोर्ट से उत्सर्जित होने वाले कार्बन का डेटा है। यह केवल यात्री उड़ानों से होने वाले वायु प्रदूषण का डेटा रखता है। आंकड़े इक्ट्ठा करने का उद्देश्य विमामन क्षेत्र से होने वाले प्रदूषण का मानव जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव के साथ-साथ यह पता लगाना भी है कि विमानन उद्योग पर्यावरण की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठा रहा है।
कोयले
के
5
प्लाटों
के
बराबर
होता
है
भारत
से
उत्सर्जन
ट्रैकर
के
अनुसार
भारत
का
विमानन
क्षेत्र
हर
साल
कोयले
के
5
प्लांटों
के
बराबर
कार्बन
का
उत्सर्जन
करता
है।
यानी
प्रति
यात्री
प्रति
किलोमीटर
के
हिसाब
से
कार्बन
का
उत्सर्जन
85
ग्राम
है।
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कार्बन
उत्सर्जन
में
आईजीआई
पहले
नंबर
पर
चौंकाने
वाली
बात
ये
है
कि
एक
तरफ
दिल्ली
के
इंदिरा
गांधी
इंटरनेशनल
एयरपोर्ट
(IGI)
को
भारत
का
सबसे
सर्वश्रेष्ठ
एयरपोर्ट
बताया
जाता
है।
वहीं
दूसरी
तरह
यह
एयरपोर्ट
सबसे
अधिक
मात्रा
में
कार्बन
का
उत्सर्जन
करता
है।
यह
एयरपोर्ट
सालभर
में
कोयले
के
1
प्लांट
की
बराबर
कार्बन
का
उत्सर्जन
करता
है।
इसके
बाद
दूसरा
स्थान
मुंबई
के
छत्रपति
शिवाजी
महाराज
इंटरनेशनल
एयरपोर्ट
का
है।
यह
एयरपोर्ट
हर
साल
1,7,50,000
कारों
से
निकलने
वाले
कार्बन
के
बराबार
कार्बन
का
उत्सर्जन
करता
है।
इसके
बात
तीसरे
स्थान
पर
है
बेंगलुरु
एयरपोर्ट
जो
प्रतिवर्ष
960,000
कारों
के
कार्बन
के
बराबार
कार्बन
का
उत्सर्जन
करता
है।
कोलकाता,
हैदराबाद
और
चेन्नई
के
एयरपोर्ट
कार्बन
उत्सर्जन
के
बड़े
स्रोत
है।
वैश्विक
स्तर
पर
ये
एयरपोर्ट
टॉप
पर
वहीं
अगर
विश्वभर
की
बात
करें
तो
न्यूयॉर्क
का
जेएफके
एयरपोर्ट
और
जर्मनी
का
फ्रैंकफर्ट
एयरपोर्ट
हर
साल
3-3
कोयले
के
प्लांट
के
बराबर
कार्बन
का
उत्सर्जन
करते
हैं।
वहीं,
लॉस
एंजिल्स
इंटरनेशनल,
लंदन
हीथ्रो
और
दुबई
एयरपोर्ट
प्रत्येक
4
कोयले
के
प्लांट
के
बराबर
कार्बन
का
उत्सर्जन
करते
हैं।