सीमा विवाद के बीच इस मंदिर के विकास के लिए नेपाल को भारत देगा 2.33 करोड़ रुपए
नई दिल्ली। चीन के साथ सीमा विवाद के बीच भारत और नेपाल में भी जमीन के टुकड़े को लेकर तनाव बढ़ता ही जा रहा है। एक तरफ नेपाल ने अपने संसद में विवादित नए नक्शे को मंजूरी दे दी है वहीं, भारत अभी भी उसकी आर्थिक सहायता कर रहा है। हाल ही में भारत ने नेपाल में स्थित प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर परिसर में 2.33 करोड़ रुपए के स्वच्छता केंद्र के निर्माण को मंजूरी दे दी है। आधिकारिक बयान के अनुसार तीर्थयात्रियों के लिए पवित्र तीर्थस्थल में इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार करने के मकसद से भारत द्वारा स्वच्छता केंद्र का निर्माण कराया जाएगा।
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक परियोजना का निर्माण 'नेपाल-भारत मैत्री: विकास भागीदारी' के तहत भारत द्वारा एक उच्च प्रभाव सामुदायिक विकास योजना के रूप में किया जाएगा। भारतीय दूतावास, नेपाल के संघीय मंत्रालय, सामान्य प्रशासन मंत्रालय और काठमांडू मेट्रोपॉलिटन सिटी के बीच पशुपतिनाथ मंदिर में स्वच्छता सुविधा के निर्माण के लिए सोमवार को एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। बता दें कि यह मंदिर यूनेस्को की विश्व विरासत स्थल के तहत भी सूचीबद्ध किया गया है।
भारतीय दूतावास द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक इस पहल के तहत भारत ने नेपाल सरकार द्वारा 15 महीनों में निर्धारित मानदंडों के अनुसार काठमांडू मेट्रोपॉलिटन सिटी द्वारा लागू की जाने वाली स्वच्छता सुविधा के लिए NRS को 37.23 मिलियन (33 2.33 करोड़) की वित्तीय सहायता देने का वादा किया है। पशुपतिनाथ मंदिर नेपाल का सबसे बड़ा मंदिर परिसर है और बागमती नदी के दोनों किनारों पर फैला है, इस मंदिर में हर दिन नेपाल और भारत के हजारों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। बता दें कि पशुपतिनाथ मंदिर परिसर में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए भारत ने उस समय सहायता दी है जब दोनों देशों के बीच सीमा को लेकर गंभीर विवाद चल रहा है।
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