Coronavirus: फ्लाइट्स बंद मगर भारत ने कैसे 108 देशों को भेजी जान बचाने वाली दवाईयों की खेप
नई दिल्ली। पाकिस्तान, अमेरिका, अफगानिस्तान, सेशेल्स, ब्राजील, यूनाइटेड किंगडम (यूके) अैर कुछ और, हर बड़े और छोटे देश की भारत ने कोरोना महामारी संकट के बीच मदद की है। भारत ने दुश्मन से लेकर दोस्तों तक को महामारी से लड़ने के लिए मलेरिया की दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (एचसीक्यू) भेजी है या भेजने की प्रक्रिया में है। भारत ने करीब 100 से ज्यादा देशों को यह दवा भेजकर डिप्लोमैसी की एक नई परिभाषा लिखी है।
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दवाई भेजने का कच्चा माल भी पहुंचा
सरकार के एक टॉप ऑफिसर के हवाले से इंग्लिश डेली हिन्दुस्तान टाइम्स ने बताया है कि भारत ने अब तक 85 मिलियन एचसीक्यू टैबलेट्स और करीब 500 मिलियन यानी 50 करोड़ पैरासिटामोल टैबलेट्स 100 से ज्यादा देशों को भेजी हैं। भारत ने न सिर्फ टैबलेट्स भेजीं बल्कि 1000 टन पैरासिटामोल ग्रॉनेल्स भी भेजे हैं जिनकी मदद से टैबलेट्स बनाई जा सकती हैं। इन सभी दवाईयों को इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) की फ्लाइट्स, विदेशी दल और यहां तक कि डिप्लोमैटिक कार्गो तक में भेजा गया है। ऐसे समय में जब भारत समेत कई देशों ने फ्लाइट्स को बंद कर दिया है, यह अपने आप में एक विशाल और जटिल प्रक्रिया है। यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल (यूएनएससी) के वर्तमान चेयरमैन डॉमनिकन रिपब्लिकन को एचसीक्यू टैबलेट्स उस डिप्लोमैटिक कार्गेा के जरिए भेजी गईं जो फ्लाइट अमेरिका के अटलांटा जा रही थी और नागरिकों को निकालने के लिए आई थी। डिप्लोमैटिक कार्गो पहले न्यूयॉर्क गया और फिर यहां से गुरुवार को डॉमनिकन रिपब्लिकन पहुंचा।
IAF की मदद से हुईं ट्रांसपोर्ट
सूत्रों ने बताया, '4,000 से ज्यादा का माल करीब 60 देशों को भेजा जा चुका है। सभी दवाईयों की सप्लाई में करीब 108 देशों को कवर किया जाएगा।' मॉरिशस और सेशेल्स को एचसीक्सू टैबलेट्स आईएएफ के प्लेन से भेजी गईं। बुधवार को इन देशों को यह दवाई मिल गईं। अफगानिस्तान को दवा स्पेशल चार्टर से भेजने की कोशिश की जा रही है। विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि पांच मिलियन एचसीक्यू टैबलेट्स और पैरासिटामोल या तो सप्लाई हो चुकी हैं या फिर 31 देशों को सप्लाई होने की प्रक्रिया में हैं। भारत ने 80 मिलियन एचसीक्यू टैबलेट्स कमर्शियल फ्लाइट्स के जरिए अमेरिका, यूके, रूस, फ्रांस, स्पेन और नीदरलैंड्स को भेजी हैं। इसके अलावा 52 देशों जिनमें इटली, स्वीडन और सिंगापुर शामिल हैं उन्हें पैरासिटामोल की एक बड़ी मात्रा भेजी जा चुकी है।