'जीपीएस खत्म करने के अमेरिका के फैसले को भारत ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण'
नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को भारत को मिले लाभार्थी विकासशील देश यानी प्रिफ्रेंरेशियल ट्रेड स्टेटस को खत्म करने का ऐलान किया। भारत के लिए यह निश्चित तौर पर यह एक अलर्ट करने वाली खबर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूसरा कार्यकाल संभालते ही अमेरिका की ओर से आए इस बड़े ऐलान पर भारत ने प्रतिक्रिया दी है। वाणिज्य मंत्रालय की ओर से आधिकारिक तौर पर बयान जारी कर अमेरिका के इस फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया गया है।
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अमेरिका को भारत के सुझाव मंजूर नहीं
वाणिज्य मंत्रालय की ओर से जो बयान जारी किया गया है, उसमें कहा गया है, 'भारत ने महत्वपूर्ण अमेरिकी अनुरोधों को मानते हुए हल सुझाए थे ताकि दोनों देशों की ओर से स्वीकृत रास्ते पर आगे बढ़ा सके। दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हो सका और अमेरिका ने उसे स्वीकार नहीं किया।' वहीं कांग्रेस पार्टी ने भी अमेरिका के फैसले को भारत के लिए दोहरी मुसीबत के तौर पर करार दिया है। अमेरिका की तरफ से आया यह ऐलान शुक्रवार को पदभार संभालने वाले वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के लिए बड़ी चुनौती है। जेनरेलाइज सिस्टम ऑफ प्रेफरेंस (जीएसपी) अमेरिका का सबसे बड़ा और पुराना प्रोग्राम है जिसमें व्यापार के आधार पर देशों को तरजीह दी जाती है। इस प्रोग्राम का मकसद लाभार्थी देश के हजारों उत्पादों को बिना शुल्क प्रवेश की अनुमति देकर आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है।
Commerce Ministry issues a statement over designation of India as a beneficiary developing country being terminated by the US. "India had offered resolution on significant US requests to find a mutually acceptable way forward. Unfortunate that this didn't find acceptance by US." pic.twitter.com/sb0nejwcsp
— ANI (@ANI) June 1, 2019
क्या कहा डोनाल्ड ट्रंप ने
डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को इसे खत्म करते हुए कहा, 'मैंने यह तय किया है कि भारत ने अमेरिका को अपने बाजार तक समान और तर्कपूर्ण पहुंच देने का आश्वासन नहीं दिया है। इसलिए, पांच जून, 2019 से भारत को मिला लाभार्थी विकासशील देश का दर्जा समाप्त करना बिल्कुल सही है।' ट्रंप ने इस संबंध में अमेरिका के तमाम शीर्ष सांसदों की अपील ठुकराते हुए यह फैसला लिया है। सांसदों का कहना था कि इस कदम से अमेरिकी उद्योगपतियों को प्रतिवर्ष 30 करोड़ डॉलर का अतिरिक्त शुल्क देना होगा। राष्ट्रपति ट्रंप ने चार मार्च को कहा था कि अमेरिका जीएसपी के तहत भारत को प्राप्त लाभार्थी विकासशील देश का दर्जा खत्म करने पर विचार कर रहा है। इस संबंध में भारत को मिला 60 दिन का नोटिस तीन मई को खत्म हो गया था।