अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर मोदी सरकार के लिए अच्छी खबर, पहली तिमाही में GDP 8.2 फीसदी हुई
नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2018-19 की पहली तिमाही की विकास दर के मोर्चे पर सरकार के लिए अच्छी खबर सामने आई है। पहली तिमाही में विकास दर (GDP) 8.2 फीसदी रही है। वहीं मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में ग्रॉस वेल्यू एडेड (GVA) ग्रोथ रेट 8 प्रतिशत रही। बता दें कि 2017 के आखिरी तिमाही में विकास दर 7.7 थी। जबकि एक साल पहले समान अवधि के दौरान यह आंकड़ा 5.6 फीसदी रहा था।
इससे पहले कुछ अर्थशास्त्रियों इस तिमाही 7.6 प्रतिशत जीडीपी ग्रोथ का अनुमान व्यक्त किया था। लेकिन उनके अनुमानों को पीछे छोड़ अप्रैल-जून तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 8.2 फीसदी के स्तर पर पहुंच गया। जीडीपी ग्रोथ का सबसे अधिक फायदा मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में देखने को मिला। अक्टूबर में होने वाली मौद्रिक नीति की बैठक में यह आंकड़े काफी अहम होंगे।
अप्रैल-जून के दौरान मैन्युफैक्चरिंग की ग्रोथ 13.5 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई, जबकि एक साल पहले समान अवधि में इसमें 1.8 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी। वित्त वर्ष 2017-18 की आखिरी तिमाही (जनवरी से मार्च) में जीडीपी ग्रोथ रेट 7.7 फीसदी, अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 7.2 फीसदी, दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में 6.3 फीसदी और पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 5.7 फीसदी रही थी।
वहीं औद्योगिक उत्पादन के मोर्चे पर सरकार के लिए अच्छी खबर नहीं रही। आठ प्रमुख उद्योगों की जुलाई में औद्योगिक उत्पादन विकास दर (आईआईपी) पिछले महीने की 7.6 प्रतिशत से गिरकर 6.6 फीसदी के आंकड़े पर आ गई। बता दें कि, आठ इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर्स कोयला, क्रूड ऑयल, नैचुरल गैस, रिफाइनरी प्रोडक्ट्स, फर्टिलाइजर्स, स्टील, सीमेंट और इलेक्ट्रिसिटी की देश के कुल औद्योगिक उत्पादन में 40.27 फीसदी हिस्सेदारी है।