भारत-रूस के बीच 50 करोड़ की डिफेंस डील पर साइन, इंडियन नेवी में शामिल होंगे खतरनाक जंगी जहाज
नई दिल्ली। भारत और रूस के बीच 500 मिलियन डॉलर (50 करोड़ रुपये) का कॉन्ट्रैक्ट साइन हुआ है, जिसमें इंडियन नेवी के लड़ाकू जहाज तैयार किये जाएंगे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2027 तक इंडियन नेवी में दो जंगी जहांज शामिल होंगे, जो दुश्मन पर चुपके से अटैक करने में सक्षम होंगे। 'ग्रीगोरोवि- क्लास प्रोजेक्ट 1135.6' जंगी जहाज बनाने के लिए रूस की सरकारी हथियार कंपनी रोसोबोरोनएक्सपोर्ट और भारत की गोवा शिपयार्ड लिमिटेड मिलकर इस प्रोजेक्ट इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू करेंगे। इसमें रूस अपनी टेक्नॉलोजी का इस्तेमाल करेगा।
यह डील उस वक्त हुई है जब हाल ही में भारत ने रूस से करीब 1 बिलियन डॉलर के दो जंगी जहाज खरीदने को लेकर डील पक्की की है। ये दोनों जहाज इंडियन नेवी में 2022-23 तक शामिल हो जाएंगे। एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि भारत में बनाए जा रहे युद्धपोतों का अंततः 500 मिलियन डॉलर से अधिक खर्च होगा, जो कि सौदे का सबसे बड़ी कीमत है। उनके अनुसार, इस 500 मिलियन में जहाज के मटैरियल, डिजाइन और विशेषज्ञ की सहायता शामिल है।
रूस से 39,000 करोड़ में एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम डील पर साइन होने के एक महीने बाद ही भारत ने मास्को के साथ बड़ी डिफेंस डील की है। विशेषज्ञों की मानें तो भारत और रूस के साथ हो रही डिफेंस डील से आने वाले टाइम में अमेरिका की तरफ से प्रतिबंधों की धमकियां और कड़ी प्रतिक्रिया देखने को मिल सकती है। भारत को अगर अमेरिकी प्रतिबंधों में छूट नहीं मिलती है, तो रूस के साथ हुई एस-400 और जंगी जहाज सौदे के लिए ट्रंप अपने काट्सा (CAATSA) प्रतिबंधों के प्रभावित होने का बखान कर सकते हैं।
हालांकि, इस मामले में भारत अभी अमेरिका से बातचीत कर रहा है। भारत के लिए रूस सबसे बड़ा हथियार सप्लायर देश रहा है, ऐसे में नई दिल्ली नहीं चाहेगा कि भविष्य में किसी तीसरे देश की वजह से मास्को से किसी भी प्रकार का हथियार सौदा प्रभावित हो। लेकिन अमेरिका अपने काट्सा नियमों की धौंस दिखा रहा है और इस मामले में ट्रंप भारत को 'देख लेने' धमकी तक दे चुके हैं।