इस 26 जनवरी 1 या 2 नहीं, 10 देशों के नेता होंगे मुख्य अतिथि, चीन को लग सकता है झटका
नई दिल्ली। अगले साल गणतंत्र दिवस यानी 26 जनवरी को भारत अपनी ताकत दुनिया को एक बार फिर दिखाएगा। हर गणतंत्र दिवस पर भारत अपनी सांस्कृतिक विरासत और सामरिक शक्ति का प्रदर्शन तो करता ही है इस बार कुछ और अनूठा होने को है। अमूमन हर साल 1 या दो मुख्य अतिथि गणतंत्र दिवस के दौरान मौजूद रहते हैं लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। साल 1950 के बाद से अब तक सिर्फ 3 बार ऐसा हुआ है जब भारत ने 1 से अधिक मुख्य अतिथियों को गणतंत्र दिवस पर आमंत्रित किया है। इस बार यह संख्या 10 मुख्य अतिथियों की होगी।
25 जनवरी को ASEAN देशों की दिल्ली में में बैठक
दरअसल, इस बार गणतंत्र दिवस से ठीक एक दिन पहले यानी 25 जनवरी को दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन(ASEAN) देशों की दिल्ली में एक बैठक होगी। इन देशों में ब्रुनेई, कम्बोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, सिंगापुर, थाईलैंड, वियतनाम और फिलीपींस शामिल है।
चीन को झटका!
बता दें कि इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भी दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) देशों 8 राष्ट्राध्यक्ष पहुचे थे। गणतंत्र दिवस पर 10 देशों के राष्ट्राध्यक्ष पहुंचने से चीन को भी झटका लग सकता है।
ये है चीन के साथ देशों के विवाद
दरअसल, चीन का ब्रुनेई, वियतनाम और फिलीपींस के साथ जहां दक्षिण चीन सागर पर विवाद है तो वहीं म्यांमार में चीन की ओर से भारी निवेश है। ऐसे में इन देशों का गणतंत्र दिवस पर भारत का मुख्य अतिथि बन कर आना चीन को खटक सकता है। गौरतलब है कि पीएम मोदी ने आसियन शिखर सम्मेलन के 50 साल पूरे होने पर सभी नेताओं को गणतंत्र दिवस पर आमंत्रित किया था।