India China tension: तनाव खत्म करने के लिए 6 जून को बॉर्डर पर मिलेंगे दोनों सेनाओं के जनरल
नई दिल्ली। भारत और चीन की सेनाओं के बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर जारी विवाद को सुलझाने के मकसद से छह जून को वार्ता होगी। लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की इस वार्ता में पूर्वी लद्दाख में जारी तनाव को सुलझाने के विकल्पों पर बात हो सकती है। सेना के सूत्रों की तरफ से बताया गया है कि भारत की तरफ से 14 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह मौजूद होंगे और अपने चीनी समकक्ष से मसले पर विस्ताव से चर्चा करेगी।
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अब तक हो चुकी है 10 दौर की वार्ता
सेना सूत्रों की मानें तो पिछले करीब एक माह से जारी विवाद को सुलझाने के लिए भारत और चीन के बीच 10 दौर की वार्ता हो चुकी है। तीन मेजर जनरल स्तर की थी जिसमें से एक कल ही हुई है। इसके बाद अब छह जून को भारत और चीन के लेफ्टिनेंट जनरल लद्दाख में जारी टकराव पर बात करेंगे। सेना मामलों के विशेषज्ञों की मानें तो जनरल को वार्ता में शामिल करने से यह स्पष्ट हो चुका है कि भारत और चीन दोनों ही समस्या का समाधान चाहते हैं। साथ ही लद्दाख के हालाता जून 2017 में डोकलाम में पैदा हुई स्थितियों से पूरी तरह से अलग हैं। अब सबकुछ इस पर निर्भर करेगा कि किस तरह से वार्ता को आगे बढ़ाया जाता है और चीन के साथ तनाव को कम करने पर किन-किन अहम बिंदुओं पर वार्ता होगी।
चीन के 5,000 जवान गलवान घाटी में!
इस बीच एक इंटरव्यू में रक्षा मंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि भारत अपनी स्थिति से पीछे नहीं हटने वाला है। एक सवाल के जवाब में रक्षा मंत्री ने जवाब दिया था कि एलएसी को लेकर चीन और भारत में मतभेद है। इसी मतभेद के चलते चीनी जवानों की तरफ से गुस्ताखी हुई है। उनकी मानें तो भारत को जो कदम उठाना चाहिए था, उसने उठाया। बताया जा रहा है कि चीन के 5,000 जवान गलवान घाटी में मौजूद हैं। एलएसी पर तनावपूर्ण स्थिति के बीच जहां सेना ने एक तरफ मोर्चा संभाला हुआ है तो वहीं अब इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) भी एक्शन में आ गई है। सूत्रों की ओर से दी गई जानकारी पर अगर यकीन करें तो एलएसी पर आईएएफ के एडवांस्ड जेट सुखोई और मिराज लगातार उड़ान भर रहे हैं। सेना की तरफ से भी इलाके में जवानों की तैनाती बढ़ा दी गई है। भारत पहले ही ने चीन को साफ कर चुका है कि जब तक एलएसी पर यथास्थिति बहाल नहीं होती है, तब तक सेना पीछे नहीं हटेगी।