भारत ने ट्रंप के प्रस्ताव को ठुकराया, कहा-शांतिपूर्वक तरीके से सुलझाएंगे चीन से विवाद
नई दिल्ली। पिछले कई दिनों से पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में भारत और चीन के बीच तनाव जारी है। इस बीच चीन ने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए बातचीत की पेशकश की है। चीन पर सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि, दोनों पक्षों ने बातचीत के माध्यम से स्थिति को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने के लिए एक तंत्र स्थापित किया है। इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मध्यस्थता की पेशकश की थी, जिसे भारत ने ठुकरा दिया था।
गुरुवार को विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि, हमारे सैनिकों ने एक जिम्मेदार तरीका अपनाया है और प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं। दोनों पक्षों ने बातचीत के माध्यम से स्थिति को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने के लिए एक तंत्र स्थापित किया है। हम संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता बनाए रखने के लिए दृढ़ हैं। भारत और चीन नई दिल्ली और बीजिंग में रायनयिक तौर पर बातचीत कर रहे हैं ताकि यह मामला शांतिपूर्वक सुलझाया जा सके। यह सैन्य स्तर पर बातचीत के इतर है।
जानकारी के मुताबिक, भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शांति चीनऔर सौहार्द बनाए रखने को लेकर 1993 से ही 5 समझौते लागू हैं। दोनों ही देश मामले को सुलझाने के लिए इन पर काम कर रहे हैं। बता दें कि भारत और चीन के बीच लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर बढ़ रहे सैन्य तनाव के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस मामले के हल के लिए बुधवार को मध्यस्थ बनने की पेशकश की थी।
ट्रंप ने एक ट्वीट में कहा था, हमने चीन और भारत दोनों से कहा है कि अमेरिका दोनों देशों के बीच बढ़ते सैन्य तनाव को कम करने के लिए मध्यस्थता करना चाहता है और इसके लिए तैयार है।
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