रूस के साथ भारत करेगा अब-तक की सबसे बड़ी डिफेंस डील, सेना में जल्द शामिल होंगे S-400 सुपरसॉनिक मिसाइल सिस्टम
नई दिल्ली। भारत अपने हथियार सौदे के लिए रूस के साथ अंतिम समझौता जल्द कर सकता है। भारत इस अहम सौदे में रूस से एस-400 ट्रंफ एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम खरीदने जा रहा है, जिसकी कुल लागत 39,000 करोड़ रुपये आंकी जा रही है। एस-400 ट्रंफ एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम आधुनिक हथियार है, जो 400 किमी की दूरी से आ रहे दुश्मनों के विमान, मिसाइलों और ड्रोन को रोकने, ट्रैक करने और अटैक करने की क्षमता रखता है।
जमीन से हवा में मारने की क्षमता वाला आधुनिक डिफेंस मिसाइल सिस्टम
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, भारत इस डील को 2018-19 फाइनेंसियल ईयर में फाइनल करने वाला है। इस सौदे पर हस्ताक्षर होने के बाद फर्स्ट मिसाइल यूनिट 24 महिनों में मिलेंगे। वहीं, बाकि के 5 मिसाइल अगले 54 महिनों में मिलेंगे। यह जमीन से हवा में मारने की क्षमता वाला आधुनिक डिफेंस मिसाइल सिस्टम है। रूस ने हाल ही में अपने इन हथियारों को क्रिमिया बॉर्डर पर तैनात किया है। सूत्रों के मुताबिक, रूस इस डिफेंस सिस्टम को तुर्की और सऊदी अरब को भी बेचने वाला है।
पाक की नस्र का होगा नेस्तनाबूत
भारत युद्ध के वक्त इस डिफेंस सिस्टम को पाकिस्तान की शॉर्ट रैंज न्यूक्लियर मिसाइल से निपटने के लिए सीमा पर तैनात करेगा। पाकिस्तान अक्सर कहता आया है कि उनकी नस्र (हत्फ-9) युद्ध के वक्त बहुत काम आएगी। इसके अलावा लॉन्ग रैंज के साथ रडार द्वारा 100 से 300 टारगेट एक साथ ट्रैक करने में सक्षम है। दरअसल एस-400 सुपरसॉनिक और हाइपरसोनिक एक अलग प्रकार की मिसाइल है, जो हवा में आ रहे किसी भी खतरे से निपटने में सक्षम है।
भारत-रूस के बीच अब तक की सबसे बड़ी डिफेंस डील
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, इस डील पर चर्चा अक्टूबर 2015 में हो गई थी। हालांकि, रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) की मंजूरी के बाद गोआ समिट में अक्टूबर 2016 में मोदी-पुतिन ने पांच एस-400 सिस्टम के लिए अंतर-सरकारी समझौतों पर हस्ताक्षर किया था। जब भारत इस डील पर फाइनल हस्ताक्षर कर देगा, उसके बाद रूस के साथ नई दिल्ली की यह अब तक की सबसे बड़ी डिफेंस डील में से एक होगी।