गायब हो गए सरहदों पर तैनात 20 रणबांकुरे, सालों बाद नहीं मिला सुराग
सालों से लापता ये जवान कहां गए, इनका क्या हुआ, ये सारे जवाब अनुत्तरित हैं। किसी के पास इसका जवाब नहीं हैं। ना तो सरकार के पास और ना ही सेना के पास। विदेश मंत्रालय ने सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत दायर आवेदन के जवाब में बताया है कि वर्ष 1996 से लेकर वर्ष 2010 तक सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनात 20 सैनिक लापता हुए हैं।
इन लापता जवानों में से अधिकांश जवान जम्मू कश्मीर की सीमा से लापता हुए हैं। लापता जवानों में दिल्ली के शालीमार बाग निवासी और 11 इंजीनियर रेंजीमेंट के कैप्टन अविनाश कुमार शर्मा 16 अगस्त 1996 को जम्मू कश्मीर के अखनूर सेक्टर से लापता हो गए थे। वहीं, नेपाल के गंडकी अंचल निवासी और भारतीय सेना की गोरखा राइफल्स के हवलदार भूपेंद्र बहादुर थापा 12 अगस्त 1996 को जम्मू कश्मीर में पुंछ जिले की कृष्णाघाटी से लापता हुए थे। गोरखा राइफल्स के ही नेपाल निवासी नेत्र बहादुर थापा भी 12 अगस्त 1996 को पुंछ जिले की कृष्णाघाटी से ही लापता हैं तो नेपाल के लुंबिनी अंचल निवासी एवं गोरखा राइफल्स के ही नायक हर्क बहादुर राणा भी 12 अगस्त 1996 को कृष्णाघाटी से ही लापता हुए थे।
इनके अलावा देहरादून के जवान लांस नायक राजू गुरुंग, पुणे निवासी कैप्टन संजीत भट्टाचार्जी, गोरखा राइफल्स के ही लांस नायक राम बहादुर थापा, राजस्थान के अलवर निवासी जीएनआर वीरेंद्र सिंह, जम्मू कश्मीर के कठुआ निवासी गोपाल दास, केरल के कोट्टायम निवासी एएससी बीएन के लांस नायक जोस जेम्स, तिरूवल्लूर, तमिलनाडु के निवासी कृष्ण कुमार, पश्चिम बंगाल के बीएन के महेश पात्र, फिरोजाबाद निवासी एएससी बीएन के लांस नायक शैलेश कुमार शुक्ला, रूद्रप्रयाग (उत्तराखंड) निवासी एईआर यूनिट के नायक संदीप सिंह समेत 20 जवान गायब हो गए हैं। इनमें से किसी का कोई पता नहीं चल पाया है।