साल 2014 का किस्सा, जब निर्मला सीतारमण को भाजपा दफ्तर में नेता ने नहीं दी थी कुर्सी
नई दिल्ली। राजनीति में कब किसका कद ऊंचा हो जाए यह कोई नहीं जानता। बात साल 2014 की है। उस वक्त लोकसभा के चुनाव नहीं हुए थे। निर्मला सीतारमण को उस समय भारतीय जनता पार्टी के एक लंच के वक्त पार्टी के वरिष्ठ नेता ने उनसे उस टेबल पर बैठने को कहा था, जिस पर तमाम अन्य वरिष्ठ नेता बैठे थे। उस वक्त सीतारमण पार्टी की प्रवक्ता थीं। वो खुद उस टेबल पर नहीं जाना चाह रही थीं। लेकिन दोबारा वरिष्ठ नेता ने कहा तो वो उस टेबल की ओर गईं। लेकिन टेबल पर बैठे एक अन्य वरिष्ठ नेता ने बड़े ही रुखेपन से उन्हें किसी दूसरे टेबल पर बैठने को कहा। हालांकि आज इस घटना को हुए 3 साल हो गया।
अब सीतारमण देश की पहली पूर्णकालिक रक्षामंत्री हैं। अब वो कैबिनेट कमिटी ऑफ सिक्योरिटी (CCS) की भी सदस्य भी होंगी। CCS में प्रधानमंत्री , रक्षा मंत्री,गृह मंत्री और वित्त मंत्री भी होते हैं। सीतारमण ने खुद को रक्षा मंत्री बनाया जाना दैवीय कृपा बताया है।
निर्मला सीतारमण मोदी सरकार की उन चार मंत्रियों में शामिल हैं, जिन्हें प्रमोट कर कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है। शपथ ग्रहण करने के बाद उन्होंने कहा, 'कोई ऐसा शख्स, जो छोटे शहर से आया हो, पार्टी नेतृत्व के समर्थन से आगे बढ़ा हो और यदि उसे ऐसी जिम्मेदारी दी जाती है तो कभी-कभी ऐसा महसूस होता है कि कहीं न कहीं दैवीय कृपा तो है। अन्यथा यह संभव नहीं होता।' निर्मला सीतारमण पहले वाणिज्य राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के तौर पर कार्यभार संभाल रही थीं।
अगले 2 दिनों तक वित्त मंत्री अरुण जेटली ही रक्षा मंत्री का कामकाज देखेंगे। जेटली रविवार रात जापान गए। वहां उन्हें रक्षा मंत्री के तौर पर एक सुरक्षा सम्मेलन में हिस्सा लेना है। जेटली ने पत्रकारों को बताया कि जापान से लौटने के बाद वह निर्मला को कार्यभार सौंपेंगे।